बारिश से रबि फसल बिजाई के लिए जमीन तैयार

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– 15 अक्टूबर तक माना जा रहा है सरसों बुवाई का है उत्तम समय
-बाजरे की सरकारी खरीद न होने से हो रही परेशानी
-ठंड बढने से सर्दी कर याद दिलाई
City24news/सुनील दीक्षित

कनीना | कनीना क्षेत्र में सोमवार सुबह शुरू हुई हल्की बारिश दोपहर बाद बढ गई। पहाडों पर बर्फबारी होने तथा बारिश के बाद तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस की कमी होने से मौसम ठंडा हो गया। एकाएक बदले मौसम ने सर्दी का एहसास कराते हुए गर्म कपड़ों की याद दिला दी है। बारिश के चलते किसानों को रबि फसल बिजाई के लिए पलेवा कार्य में आसानी हुई है। खरीफ फसल कटाई के बाद किसान सरसों बुवाई के लिए खेतों में पलेवा के लिए जुट गए थे। जिसके चलते बिजली खपत भी बढने लगी थी। बारिश होने के बाद किसानों ने पलेवा कार्य बंद कर दिया है। बारिश के चलते रोजमर्रा के कार्य अटक गए। 15 अक्टूबर तक सरसों बिजाई का उत्तम समय माना गया है। लेकिन बारिश होने के बाद देरी संभव मानी जा रही है। दूसरी ओर मंडी में बाजरे की खरीद नहीं होने से किसान परेशान हैं। मंडी में प्लेटफार्म पर बाजरे के ढेर पड़े हुए हैं। खरीद एजेंसी हैफेड के अधिकारी बदरंग होने की वजह से बाजरे की ‘क्वालिटी पूवर’ होने की वजह से खरीद नहीं कर रहे हैं।
इस बारे में मार्केट कमेटी कनीना के सचिव मनोज पाराशर ने बताया कि कनीना ब्लाक में  17272 किसानों की ओर से 56679 एकड़ भूमि पर फसल का पंजीकरण कराया गया था। जिसमें से 50010 एकड फसल वेरीफाई की गई। उन्होंने कहा कि खरीद मानकों के अनुरूप बाजरा नहीं नहीं होने के चलते सरकारी खरीद नहीं की जा सकती है। हैफेड के अधिकारी बाजरे के नमूने लेकर रेवाडी लैब लेकर जा रहे हैं जहां नमूने फेल हो रहे हैं। मंडी में प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से न्यूनतम 1900 व अधिकतम 2200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बाजरे की खरीद की जा रही है। 23 सितंबर से अब तक 814 किसानों के 21500 क्विंटल बाजरे के गेट पास जारी किए जा चुके हैं। जिसमें से 13500 की खरीद की जा चुकी है।
बारिश के कारण सडक मार्गों पर कीचड़ जमा हो गया। जिससे वाहन चालकों तथा राहगीरों को परेशानी का सामना करना पडा। कनीना-महेंद्रगढ़ स्टेट हाइवे पर उन्हाणी गांव के समीप से गुजर रही रामपुरी डिस्ट्रीब्यूटरी के लीकेज साइफन के स्थान पर सडक में गड्ढे बनने से हालात बदतर हो गए। जिससे सडक हादसों की संभावना भी बढ गई।
इस बारे में नगर पालिका चेयरपर्सन डाॅ रिंपी लोढ़ा ने बताया कि जलभराव की समस्या का स्थाई रूप से समाधान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कॉलर वाले जोहड़ का पानी निकाल दिया गया है जहां छंटाई का कार्य किया जाएगा।
कनीना-बारिश के बाद कनीना में मुख्य मार्ग पर जमा बरसाती पानी का दृष्य।

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