मुख्यमंत्री राहत कोष से इलाज के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया हुई सरल

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आवेदन के 15 दिन के भीतर जरूरतमंदों को मिलेगी आर्थिक सहायता: एडीसी
इलाज खर्च का 25 प्रतिशत आर्थिक सहायता के रूप में एक लाख रुपये तक का लाभ मिलेगा, आवेदक साल में एक बार ही आर्थिक सहायता ले सकेंगे
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप मलिक ने कहा कि हरियाणा सरकार आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के मद्देनजर मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत चिकित्सा आधार पर आर्थिक सहायता प्राप्त करने वालों को सरल पोर्टल पर सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है। इससे प्रक्रिया और अधिक सरल व आसान हो गई है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सहायता के लिए अभ्यर्थी अब सरल पोर्टल के माध्यम से सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि सीधे आवेदक या लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। डीसी ने कहा कि आवेदक अपनी पीपीपी यानि फैमिली आईडी आईडी के माध्यम से सरल पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदक अन्य संबंधित दस्तावेज जैसे मेडिकल बिल, ओपीडी बिल इत्यादि अपलोड करके मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) से चिकित्सा आधार पर वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं। 

  एडीसी ने बताया कि यदि आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना में कोई बीमारी कवर नहीं हो रही है, तो आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को भी इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत वित्तीय सहायता के लिए जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें संबंधित सांसद व विधायक, उपायुक्त, सिविल सर्जन, नगर परिषद व नगर निगमों के चेयरमैन, जिला परिषद के चेयरमैन, पंचायत समिति के चेयरमैन को सदस्य तथा मेयर को नोडल अधिकारी बनाया गया है। अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप मलिक ने आवेदन की स्वीकृति की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया कि जैसे ही आवेदक वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए अपना आवेदन पोर्टल पर सबमिट करेगा, आवेदन को संबंधित क्षेत्र के सांसद, विधायक, जिला परिषद चेयरमैन, ब्लॉक समिति चेयरमैन, मेयर/एमसी के पास भेज दिया जाएगा तथा ये जनप्रतिनिधि पांच दिन के भीतर अपनी सिफारिशें डीसी कार्यालय को भेज देंगे। डीसी कार्यालय द्वारा आवेदक के सत्यापन के लिए संबंधित तहसीलदार को तथा मेडिकल दस्तावेजों के सत्यापन के लिए सिविल सर्जन को आवेदन भेजा जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में संपत्ति सत्यापन के लिए चार दिन तथा सिविल सर्जन कार्यालय से संबंधित सत्यापन कार्य के लिए पांच दिन की समय सीमा है। उन्होंने बताया कि उक्त दोनों विभागों से प्राप्त रिपोर्ट उपायुक्त की संतुष्टि के साथ कमेटी सदस्य सचिव को भेजी गई। जिसे वे वरीय लेखा पदाधिकारी को भेजते हैं। इसके बाद स्वीकृत राशि सीधे लाभार्थी के खाते में भेजी जाएगी। एडीसी ने बताया कि प्रक्रिया में पूर्व की विषमताओं को देखते हुए प्रक्रिया को आम जनता के लिए सरल बनाने के साथ ही समयबद्ध किया गया है। मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि सीधे आवेदक अथवा लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि कोई आवेदक दूसरे राज्य में इलाज करा रहा है और वह इलाज की राशि सीधे अस्पताल में चाहता है तो वह संबंधित अस्पताल का बैंकिंग विवरण साझा कर सकता है। – इलाज खर्च का 25 प्रतिशत आर्थिक सहायता के रूप में, अधिकतम एक लाख रुपये तक लाभ एडीसी ने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से इलाज खर्च का 25 प्रतिशत आर्थिक सहायता के रूप में मिलेगा, जिसकी अधिकतम सीमा एक लाख रुपये निर्धारित की गई है। वहीं आवेदक इस सुविधा का लाभ साल में एक बार ही ले सकता है।

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