जीवन को सही दिशा देने का मार्ग प्रशस्त करते हैं गीता के संदेश- सुरेंद्र सिंह

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– शहीद ले. किरण शेखावत राजकीय महिला महाविद्यालय सालाहेड़ी में गीता सेमिनार का भव्य आयोजन
– वक्ताओं ने गीता संदेशों को जीवन के लिए बताया उपयोगी
City24News/अनिल मोहनिया

नूंह | शहीद लेफ्टिनेंट किरण शेखावत राजकीय महिला महाविद्यालय सालाहेड़ी, नूंह में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025 के उपलक्ष्य में एक भव्य गीता सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम महाविद्यालय के बहुउद्देश्यीय सभागार में आयोजित हुआ। सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि जिला भाजपा अध्यक्ष एवं समाजसेवी सुरेंद्र सिंह ने शिरकत कर समारोह की शोभा बढ़ाई व अध्यक्षता प्राचार्या डॉ. गीतिका ने की। 

 इस कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की छात्रा सुजाता द्वारा गीता के पवित्र श्लोकों के उच्चारण के साथ दीप प्रज्वलित कर किया गया, जिससे पूरा वातावरण आध्यात्मिक भाव से अभिभूत हो उठा। प्राचार्या डॉ. गीतिका ने पुष्पगुच्छ भेंट कर मुख्य अतिथि का स्वागत किया और महाविद्यालय की गतिविधियों तथा सेमिनार के उद्देश्य का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया।

 जिला भाजपा अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन को सही दिशा देने वाली जीवन-पुस्तक है। उन्होंने कहा कि आधुनिक समय की चुनौतियों के संदर्भ में गीता के प्रमुख संदेशों में कर्तव्य, आत्मसंयमता व नैतिकता और सकारात्मक चिंतन बहुत जरूरी है। उन्होंने सभी उपस्थितजन का आह्वïान किया कि हमें गीता के संदेशों को नित्य अध्ययन व आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गीता का सार आज के युवाओं के व्यक्तित्व विकास और मानसिक संतुलन के लिए अत्यंत उपयोगी है। सेमिनार में विभिन्न वक्ताओं द्वारा गीता दर्शन की व्याख्या प्रस्तुत की। 

 शिक्षा विभाग में जिला एफएलएन कोर्डिनेटर डॉ. कुसुम मलिक ने गीता से जीवन को दिशा विषय पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। डॉ. मलिक ने कहा कि भगवद्गीता संपूर्ण विश्व के लिए शांति, सद्भावना और भाईचारे का शाश्वत संदेश है। गीता मात्र एक ग्रंथ नहीं, बल्कि वह ऊर्जा है जो हर युग और हर परिस्थिति में मानव को सही मार्ग दिखाती है। उन्होंने कहा कि “आज हम जो कुछ भी करते हैं, वह हमारे पूर्वजों की महान परंपराओं का विस्तार है। उन्होंने हसन खां मेवाती और शहीद लेफ्टिनेंट किरण शेखावत जैसी वीर विभूतियों को याद करते हुए कहा कि इनके साहस, देशभक्ति और त्याग से हम सभी को प्रेरणा लेकर राष्ट्र की उन्नति और सुरक्षा के लिए कार्य करना चाहिए। डॉ. कुसुम मलिक ने कहा कि कर्म करो, लेकिन अहंकार मत करो। सेवा करो, लेकिन स्वार्थ मत जोड़ो। प्रयास करो, लेकिन चिंता मत जोड़ो। जीवन में शुद्धता, स्थिरता और ज्ञान के साथ आगे बढ़ें। उन्होंने युवाओं को विशेष रूप से नशे से दूर रहने, अपराधों से बचने तथा सकारात्मक और सत्य प्रधान जीवन अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि अपनी प्रवृत्तियों को पहचानकर जब हम सत्य की ओर यात्रा आरंभ करते हैं, तो हमारे भीतर सकारात्मकता और दिव्यता का विकास होता है।

 बिस्सर-अकबरपुर कॉलेज की प्राचार्या मीनू शर्मा ने श्रीकृष्ण के जीवन-दर्शन के माध्यम से कई रोचक प्रसंगों का उल्लेख किया और बताया कि गीता व्यक्ति के चरित्र, निर्णय-क्षमता और संघर्ष-प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। महाविद्यालय की पूर्व छात्रा काजल ने गीता के नैतिक मूल्यों, सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक युवा-जीवन पर इसके प्रभाव पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को गीता दर्शन के माध्यम से आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। सेमिनार में छात्राओं की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी मुख्य आकर्षण रहीं, जिसमें छात्रा सोनिया ने महाभारत के धर्मयुद्ध पर आधारित एक प्रभावी कविता सुनाई, जिसमें जीवन के कर्तव्यों और नैतिक मूल्यों को सुंदर रूप से प्रस्तुत किया गया। महाविद्यालय की अनेक छात्राओं ने गीता के श्लोकों के अर्थ, संवाद और प्रसंगों पर अपने विचार साझा किए व धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। महाविद्यालय के हिंदी विभाग के सहायक प्रोफेसर तेजपाल ने पूरे सेमिनार का संयमित और प्रभावी मंच संचालन किया। उन्होंने श्रीकृष्ण के चरित्र, गीता के संदेश और संस्कृति पर आधारित विभिन्न पहलुओं को जोड़कर कार्यक्रम को समृद्ध बनाया। डॉ सोनिका डांगी ने अपना सेमिनार पत्र वाचन करने उपरांत सभी का धन्यवाद ज्ञापन दिया। 

 इस अवसर पर प्रो. डॉ अनिल कुमार, डॉ रितेश कुमार, प्रो मनिन्दर सिंह, प्रो डॉ सरिता दहिया, डॉ जहांनज़ीर, पुन्हाना महाविद्यालय से अजहरुद्दीन सहित जिले के विभिन्न संस्थाओं के सदस्यों की सराहनीय उपस्थिति एवं सहयोग रहा। 

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