बागोत के मोहित सुसाइड केस में सुनवाई के दौरान बुावार को हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
–परिजनों के दाह संस्कार न करने की सूरत में पुलिस प्रशासन करेगा दाह संस्कार
-एसआईटी को पुर्नगठित करने के आदेश
-55 दिन से मोर्चरी में रखे शव का दाह संस्कार होने की बनी उम्मीद
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | कनीना सब डिवीजन के गांव बाागोत निवासी 26 वर्षीय युवक, मोहित सुसाइड केस में बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें हरियाणा सरकार की ओर से डीएजी सहित पुलिस इंस्पेक्टर व तहसीलदार पेश हुए वहीं दूसरी ओर वादी कैलाशचंद एवं अधिवक्ता पेश हुए। सीआरएम-एम 2017-2025 की सुनवाई करते हुए न्यायधीश हरप्रीत सिह बरार ने वादी कैलाशचंद को मृतक युवक का दाह संस्कार करने के आदेश दिए ओर परिजनों की ओर से एसा न करने पर पुलिस प्रशासन को दाह संस्कार करने को कहा। वादी कैलाशचंद की ओर से एसआईटी को लेकर उठाए गए सवाल पर दूसरी एसआईटी गठित करने तथा अन्य जिले के एसपी से उनके आरोपों की जांच कावाने के भी आदेश दिए। ये एसआईटी कैलाशचंद द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट में दाखिल की गई अर्जी में लगाए गए आरोपों की जांच करेगी।
बता दें कि युवक मोहित ने बीती 13 दिसबर की रात्री के समय फांसी लगाकर आत् हत्या कर ली थी। जिसकी सुचना मिलने पर पुलिस मौके पर पंहुची ओर शव को कब्जे में लेकर उसे उप नागरिक अस्पताल कनीना भिजवाया। जहां 14 दिसंबर को उसका पोस्टमार्टम करवा दिया गया। मृतक के पिता कैलाशचंद ने पूर्व मंत्री सहित 8 व्यक्तियों के विरूध केस दर्ज करने की मांग करते हुए युवक का अंतिम सस्कार न करने पर अड गया। पिछले 55 दिन से मोहित का शव उप नागरिक अस्पताल कनीना के फ्रीजर में रखा हुआ है। वादी एंव प्रतिवादी पक्ष हाईकोर्ट के आदेश जारी होने की ओर टकटकी लगाए बैठे थे। कोर्ट के आदेश के मुताबिक अगली कार्रवाई अमल में लायी जाएगी। इससे पूर्व हाईकोर्ट ने 16 जनवरी को सुनवाई करते हुए कैलाशचंद को फांसी लगाकर मरे युवक मोहित, 26 वर्ष का 3 दिन में अंतिम संस्कार करने, अर्जी में लगाए गए आरोपों की जांच आईपीएस अधिकारी से करवाने तथा मृतक के पिता को भी शामिल तफ्तीश होेने के भी आदेश दिए थे। जिन्हें नजरअंदाज कर दिया गया था।
पडतल गांव के सरपंच रोशनलाल इंदोरा ने वकील पदमकांत के माध्यम से जनहित को देखते हुए एक दरखास्त हरियाणा ह्यूमन राईट कमीशन चंडीगढ में दाखिल की थी। जिसे आयोग ने मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के दृष्टिगत 3 फरवरी को हुई सुनवाई में खारिज कर दिया है। सुनवाई में प्रशासन की ओर से निरीक्षक मुकेश कुमार व तहसीलदार उपस्थित हुए।
पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट के एडवाकेट सत्यारायण यादव ने बताया मामले की सुनवाई के दौरान वादी पक्ष की ओर से एसपी की जांच व एसआईटी के गठन पर सवाल उठाए। जिस पर न्यायधीश ने इसकी जांच दूसरे जिले के एसपी से करवाने तथा दूसरी एसआईटी का गठन करने के आदेश दिए। इसके अलावा मृतक का दाह संस्कार करने का भी आदेश देते हुए कहा कि मृतक के वारिस संस्कार नहीं करते हैं तो पुलिस प्रशासन इसका दाह संस्कार करवाए।