लालटेन की रोशनी में पढने वाले ‘गुदडी के लाल’ बने देश के 53वें सीजेआई

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-ऐतिहासिक फैसलों ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़े हुए माने जाते हैं जस्टिस सूर्यकांत-आत्मानंद सरस्वती
-समदर्शी योग आश्रम में पिछले सप्ताह भर से जारी समारोह का आज होगा समापन
City24News/सुनील दीक्षित 

कनीना | हरियाणा की माटी से जुड़े लालटेन की रोशनी में पढ़ने वाले ‘गुदडी के लाल’ जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को ज्यों ही राष्ट्रपति भवन में देश के 53वें सीजेआई के रूप में शपथ ली तो हरियाणा सहित देशभर में खुशी की लहर दौड गई। योगी आत्मानंद सरस्वती ने कहा कि जमीन पर बैठकर घंटों पढ़ाई करने वाला हरियाणा का यह बेटा अब सीजेआई बनकर पूरे देश में ‘सु्रपीम’ न्याय करेगें। सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत न सिर्फ हरियाणा, बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणा बन गए हैं। एक ऐसे न्यायाधीश, जिन्होंने गांव में रहने वाले साधारण परिवार में जन्म लेकर ग्रामीण पृष्टभूमि को ध्यान में रखकर मिशाल कायम की है। कडी मेहनत को ही अपनी ताकत मानते हुए उन्होंने जीवन में नए मुकाम हासिल किए। हिसार जिले के पेटवाड़ गांव में दीपावली जैसा जश्न है।
सनातन धर्म उत्थान समिति के राष्ट्रीय संरक्षक हेमंत मुनि ने बताया कि उनका जन्म फरवरी 1962 में हुआ था। केयूके व एमडीयू ने उच्च स्तरीय पढ़ाई पूरी की। जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को 53वं सीजेआई के रूप में बीआर गवई का स्थान ग्रहण किया। उन्होंने कहा कि जस्टिस सूर्यकांत ने कई ऐतिहासिक फैसलों में अहम भूमिका निभाई। जिनमें अनुच्छेद 370, सीएए और पेगासस जासूसी मामले जैसी सुनवाई शामिल है। कोविड काल में उन्होंने कैदियों की अस्थायी रिहाई का आदेश देकर मानवीय संवेदनशीलता का भी परिचय भी दिया था।

उन्होंने बताया कि समदर्शी योग आश्रम में हवन करने उपरांत मिठाई बांटकर खुशी जताई। आश्रम में पिछले सप्ताह भर से समारोह जारी है जिसका समापन आज मंगलवार को सुबह सवा नो बजे सुबह हवन एवं प्रसाद वितरण के बाद किया जाएगा। इस मौके पर आनंद सागर, प्रेम सागर, संतोष सागर, सेवक सागर, लाल सागर, गुरुचरण, आत्माराम,रामरतन शर्मा निवासी गोमली, कनीना, सुनील कुमार नम्बरदार, एडवोकेट जितेंद्र शर्मा झगडोली, कमलेश वशिष्ठ, सत्यवीर जांगडा रामबास, राष्ट्रीय संस्थापक अनिल पाण्डेय, संरक्षक राजेश नाथ,राष्ट्रीय महासचिव शीशराम यादव, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राजदीप वर्मा, राष्ट्रीय कार्यकारिणी उपाध्यक्ष राम भगत उपस्थित थे।
कनीना-समदर्शी योग आश्रम में आयोजित हवन के समय उपस्थित प्रसिद्ध संत।  

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