भारत विकास परिषद् शाखा का गठन एवं दायित्व गृहण समारोह आयोजित
-*:अग्र शिरोमणि भगवान महाराजा अग्रसेन मंदिर प्रांगण में शाखा का गठन कर सदस्यों की टीम गठित नियुक्त
City24News/अनिल मोहनिया
नूंह | सिविल लाइंस रोड़ अग्र शिरोमणि भगवान महाराजा अग्रसेन मंदिर प्रांगण में शाम छः बजे भारत विकास परिषद् शाखा का गठन एवं दायित्व गृहण समारोह का आयोजन बड़े पैमाने पर आयोजित किया गया। सामाजिक कार्यक्रम के सुअवसर पर बतौर मुख्यातिथि रुप में मार्किट कमेटी चेयरमैन राहुल जैन एवं वशिष्ठ अतिथि योगेश कुमार जैन रिटायर्ड एसडीओ पंचायत राज ने शिरकत की। वहीं भारत विकास परिषद् शाखा के लोगों ने आमंत्रित समस्त मुख्यातिथियों के गले में शॉल एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। इसके उपरांत मुख्यातिथियों ने भारत माता एवं स्वामी विवेकानंद के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित की। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे क्षेत्रीय संयुक्त महासचिव महेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में संयुक्त रुप से भारत विकास परिषद् शाखा फिरोजपुर झिरका इकाई से संरक्षक पद पर राजकुमार गर्ग, पूर्व मार्किट कमेटी चेयरमैन सुनील जैन, डॉ० देवेंद्र को नियुक्त किया गया और अध्यक्ष पद पर गौरव जैन, महासचिव मनोज गर्ग एवं कोषाध्यक्ष पद पर जितेन्द्र गर्ग को नियुक्त किया गया। इसके अतिरिक्त यशपाल भटेजा सेवा प्रमुख, संपर्क अशोक गोयल बड़ेड़िया, हेमचंद जैन पर्यावरण प्रमुख, अनिल कौशिक संस्कार प्रमुख, डॉ० इंदिरा गर्ग महिला प्रमुख की जिम्मेवारी देकर प्रमुख पदों पर सुशोभित किया गया। संगठन से आमंत्रित शाखा के पदाधिकारी अध्यक्ष अजय अग्रवाल, महासचिव ऋषि अग्रवाल, कोषाध्यक्ष नरेश शर्मा, सचिव राजीव छाबड़ा, उपाध्यक्ष प्रदीप जैन, गौरव गुप्ता, महिला संयोजक ममलेश जैन, संपर्क संयोजक पंकज सक्सेना, संस्कार संयोजक सतीश कौशिक, सेवा संयोजक अनुभव माहेश्वरी, पर्यावरण संयोजक मुकेश सैनी की उपस्थिति में समस्त नवयुक्ति फिरोजपुर झिरका शाखा पदाधिकारियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। ताकि सभी समस्त नवयुक्ति फिरोजपुर झिरका शाखा पदाधिकारीगण पूरी मेहनत, निष्ठा, लगन के साथ राष्ट्रहित के लिए कार्य कर सकें। वहीं फिरोजपुर झिरका शाखा संरक्षक राजकुमार गर्ग ने भारत विकास परिषद् शाखा के बारे में प्रकाश डालते हुए बताया कि संस्कार, सेवा और संपर्क के माध्यम से भारत के सर्वांगीण विकास के लिए काम करती हैं, जैसे बच्चों के लिए ‘भारत को जानो’ जैसी प्रतियोगिताएँ, विकलांगों के लिए सहायता, ग्रामीण विकास, और संस्कृति व राष्ट्रप्रेम को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम चलाना, जिनका लक्ष्य ‘स्वस्थ, समर्थ, संस्कृत भारत’ बनाना है।
