रोजका मेव स्थित आईएमटी में धरना पर बैठे किसानों ने महापंचायत कर 21 नवंबर तक का समय दिया प्रशासन को

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धरना स्थल पर हुई किसानों की महापंचायत में कहा गया सरकार से बात नहीं बनी तो एक महीने में होगा आर पार का फैसला
महापंचायत में बीडीपीओ ने जिले के डीसी नहीं होने पर मांगा समय
किसानों की महापंचायत में महिला बुजुर्ग सहित सैकड़ो की संख्या में संयुक्त किसान मोर्चे के हरियाणा प्रदेश से पहुंचे किसान
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | नई सरकार के गठन के बाद नूंह जिला के रोजका मेव स्थित आईएमटी में धरना पर बैठे किसानों ने आज सरकार को चेतावनी देने के लिए महापंचायत की जिसमें हरियाणा प्रदेश के अन्य जिलों से संयुक्त किसान मोर्चे के सैकड़ो किसानों के साथ महिला भी धरना स्थल पर पहुंची और महापंचायत में शामिल हुए। 

आईएमटी में हुई महापंचायत में भिवानी, जींद, फरीदाबाद, पलवल जिलों के किसान पहुंचे और महापंचायत में सभी किसानों ने एक सुर में कहा कि इस बार यह लड़ाई आर पार की होगी यदि सरकार किसानों को उनका बकाया राशि के साथ-साथ जो अन्य मांगे हैं वह नहीं मानती है तो सरकार को घुटनों के बल टिकाने के काम किसानों के द्वारा किया जाएगा।

आईएमटी रोजका मेव किसान महापंचायत के अध्यक्ष बलवीर सिंह अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य प्रधान ने कहा कि उन्हें जैसे ही इस बारे में पता चला कि उनके साथी किसान पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं इसी को लेकर आज महापंचायत की गई जिसमें जिला प्रशासन की तरफ से महापंचायत में बीडीपीओ के द्वारा कहा गया कि जिले के डीसी का तबादला हो गया है और नए डीसी ने अभी जॉइनिंग नहीं की गई है तो उन्हें कुछ दिन का समय चाहिए ताकि उनकी बात डीसी के मार्फत मुख्यमंत्री तक पहुंच सके। उसी को लेकर कमेटी ने फैसला लिया है कि आगामी 21 नवंबर को किसान एक बैठक कर फैसला लेंगे । यह फैसला निर्णायक फैसला होगा यदि उससे पहले जिला प्रशासन सरकार से बात कर किसानों की समस्या का समाधान कर देते हैं तो ठीक रहेगा नहीं तो इस बार किसान आर पार की लड़ाई के लिए तैयार है।

किसान नेता रवि आजाद ने कहा कि आपसे पहले लोकसभा और विधानसभा के चुनाव हुई जिसकी वजह से यहां पर किसानों का धरना इतना लंबा चला लेकिन विधानसभा चुनावों से पूर्व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल मिला था। इस दौरान सीएम ने किसानों की सभी मांगों को सरकार बनने पर पूरा कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक किसानों की मांगों पर सरकार कुछ नहीं कर रही है। अब किसानों के द्वारा 21 नवंबर का समय दिया गया है तथा 26 नवंबर को दिल्ली कोच को 4 साल पूरे होने पर पूरे प्रदेश के किसान सभी जिला मुख्यालयों पर डीसी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। वही किसानों की मुख्य दो मांगों में किसानों को 25 लाख पेंडिग मुआवजा ब्याज सहित व सरकार द्वारा किसानों से जमीन अधिग्रहण के दौरान एग्रीमेंट को कैंसल करने की मांग हे । बता दें कि वर्ष 2012 से ही रोजका मेव क्षेत्र के 9 गांवों के किसान अपनी मांगों को मनवाने के लिए प्रयासरत है। यहां पर इन गांवों को 1600 एकड़ जमीन का सरकार ने अधिग्रहण किया था। अधिग्रहण के बाद से ही किसान सरकार के खिलाफ हो गए थे तभी से किसान सरकार के खिलाफ संघर्षरत है। बीते 29 फरवरी से अब किसानों धरना चल रहा है। इसके बाद किसानों ने बीते 13 अगस्त को आईएमटी में चल रहे रोड, सीवरेज, पानी, पार्किंग सहित अन्य निर्माण के कार्य को पूरी तरह से बंद कर दिया था। जबकि किसान वह लगातार धरने पर अभी बैठे हुए है। 

इस दौरान हरियाणा प्रदेश के भिवानी जिला प्रधान राकेश आर्य, देवी सिंह लांबा फरीदाबाद, दलजीत डागर भाकियू अध्यक्ष, सतेंद्र सिंह, कविता आर्य के अलावा अन्य किसान मौजूद रहे। 

इस दौरान किसानों में मुख्य रूप से हाजी हासम, जाहिद हुसैन, हाजी आसू नंबरदार, हाजी सिराजुद्दीन, हाजी समसू, मोहम्मद अब्बास, हाजी जस्सू, खुर्शीद, हाजी बसीर, दीनू नंबरदार, भूट्टू, हाजी हमीद, रूकमुद्दीन, मोहम्मद एसपी पूर्व सरपंच, मास्टर आसम, मोहम्म्द मुफीद, रज्जाक व जानू सहित अन्य किसानों ने बताया कि सरकार उनकी मांगों को नहीं मान रही है। दो उनकी मुख्य मांग है इसके अलावा दस सूत्रीय मांगों के लिए वह संघर्ष कर रहे हैं। अब वह किसी प्रकार की कुर्बानी से भी पीछे नहीं हटेंगे। वह सरकार से टकराने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

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