गीता में पूरे जीवन का सार निहित – जाकिर हुसैन
-कहा, गंगा-जमुनी तहज़ीब मेवात की पहचान, यह धरती आपसी सद्ïभाव की
– बाल भवन सामुदायिक केंद्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव आयोजित
City24News/अनिल मोहनिया
नूंह | अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के आयोजन के तीसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासक जाकिर हुसैन ने कहा कि गीता केवल एक धार्मिक ग्रन्थ नहीं, बल्कि मनुष्य के पूरे जीवन का सार है। गीता जयंती महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थापित करने और इसे विश्वभर में पहचान दिलाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को जाता है, जिन्होंने बहुत ही व्यापक स्तर पर इस महोत्सव का आयोजन सुनिश्चित करवाया।
इससे पहले जाकिर हुसैन ने जिला स्तरीय प्रदर्शनी में लगे 22 विभागों के स्टॉल का निरीक्षण किया और विभागीय योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सभी विभागों को आह्वïान किया कि वे जनहित की योजनाओं को अधिक से अधिक प्रचार करें, ताकि जरूरतमंद लोगों को इनका लाभ मिलना सुनिश्चित हो। इसके बाद उन्होंने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने राधा-कृष्ण व धार्मिक गीतों पर मनमोहक प्रस्तुतियां दी।
जाकिर हुसैन ने कहा कि गीता का मूल संदेश यह है कि हमें व्यक्ति का नहीं, धर्म व कर्तव्य का साथ देना चाहिए। उन्होंने मेवात की गंगा-जमुनी तहज़ीब की विशेष प्रशंसा की और कहा कि यह वह धरती है जहां हर धर्म, हर समुदाय को सम्मान मिलता है और लोग आपसी भाईचारे की मिसाल पेश की जाती है। उन्होंने अपने छात्र जीवन की पुरानी यादों को साझा करते हुए बताया कि उनका विद्यार्थी जीवन से ही कुरुक्षेत्र से गहरा जुड़ाव रहा है। जब वह वहां पढ़ते थे, तो अकसर ब्रह्मïसरोवर, गीता स्थली ज्योतिसर आदि का दौरा करते रहते थे। उन्होंने ब्रह्मसरोवर व ज्योतिसर में बिताए समय, वहां की शांति, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक महत्व को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि गीता और कुरुक्षेत्र का दर्शन जीवन को नई दिशा देने वाला अनुभव है। उन्होंने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि नूंह जिले में गीता महोत्सव का आयोजन इतने भव्य और सुव्यवस्थित तरीके से किया गया है कि यह कुरुक्षेत्र में होने वाले आयोजनों से किसी भी तरह से कम नहीं है। उन्होंने विभाग की कार्यप्रणाली, टीम वर्क व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की गुणवत्ता की विशेष सराहना की। अंत में उन्होंने सभी लोगों से अपील की कि वे गीता के संदेशों को अपने जीवन में अपनाएं और इस महोत्सव को आपसी सद्ïभाव, ज्ञान और संस्कृति के उत्सव के रूप में मनाएं।
इसके बाद उन्होंने सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देने वाले स्कूली विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर जिला एफएलएन कोऑर्डिनेटर डा. कुसुम मलिक, मीना ठाकुर, नेहा, भादस गुरुकुल के आचार्य तरुण, रेडक्रास सोसायटी के सचिव महेश गुप्ता, रेडक्रास सोसायटी डीटीओ महेश मलिक, नत्थूराम, डा. ओमबीर शर्मा, समय चंद, अरशद सरपंच बैंसी, वकील सरपंच, अमर सिंह, गोपाल माथुर, आबिद रिठोडा, वसीम अकरम सहित अन्य स्कूली बच्चे व शिक्षकगण मौजूद रहे।
