सहकारिता विभाग के 100 करोड़ के घोटाले से बदलने लगे बावल विधानसभा के समीकरण।
City24news@निकिता माधोगड़िया
रेवाड़ी। हरियाणा के सहकारिता विभाग में लगभग 100 करोड़ के घोटाले को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। सहकारिता विभाग के मंत्री डॉ बनवारीलाल का इसमें अभी कोई नाम नहीं आया है मगर उनकी मुश्किलें बढ़ गई है क्योंकि प्रदेश के साथ साथ उनके ग्रह क्षेत्र बावल में प्रत्येक व्यक्ति की जुबान पर है कि इतना बड़ा घोटाला बिना मंत्री के संज्ञान में आए नहीं किया जा सकता। यदि मंत्री जी यह कहते है कि मेरे संज्ञान में नहीं था तो उनपर अपने विभाग पर नजर न रखने की बात से नकारा नहीं जा सकता। उनके एक पीए द्वारा इस घोटाले में शामिल होना व मंत्री जी को पता नहीं होना लोगों के गले नहीं उतर पा रहा है। जनता में चर्चा है कि सरकार भ्रस्टाचारियों पर जरूर कार्य करेगी मगर अपनी व पार्टी की छवि बचाने के लिए मंत्री जी पर आंच नहीं आने देगी। मगर यह भी साफ रहेगा कि इस बार उन्हें बावल विधानसभा की टिकट से हाथ धोना पड़ सकता है। इसी आशंका के चलते अब बावल में अन्य नेताओं की राजनैतिक सक्रियता बढ़ है जो इस मौके का फायदा लेना चाहते हैं। राजनीति के फुस्स बम जो दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके जजपा नेता श्याम सुंदर सभरवाल फुले नहीं समा रहे हैं व इस मौके को अपने हाथ से न जाने देने के लिए हर सम्भव प्रयास में जुट गए हैं। राजनीति व जंग में सब जायज है वाली कहावत को अपनाते हुए केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का आशीर्वाद लेने पहुंच गए। बावल की जनता सब जानती है कि पिछले 10 वर्षों में सभरवाल ने कभी रामपुरा हाउस की तरफ मुंह करके नहीं देखा अब वो राव को अपना सब कुछ बताते हैं। वाह री राजनीति, लोगों से पता नहीं कब क्या क्या करवा देती है। अब सभरवाल को जनता की याद आने लगी तो रोजाना मंत्री विधायक की तरह लोगों से चाय पर चर्चा व सुख दुख में जाने का शेड्यूल भी जारी कर दिया। लगता है सभरवाल को जजपा नेताओं के आशीर्वाद की जगह राव के आशीर्वाद में ही दम दिखाई दे रहा है। सभरवाल का यह कहना कि अबकी बार बावल विधानसभा जजपा के खाते में जाएगी तो अभी गलत होगा, क्योंकि अभी तक भाजपा एकला चलो की नीति पर मंथन चल रहा है। अगर दोनों पार्टी अलग अलग लड़ती है तब राव भाजपा के उम्मीदवार को ही आशीर्वाद देंगे न कि जजपा उम्मीदवार को, वे पार्टी से हट कर चलने की भूल कतई नहीं करेंगे।
इधर कांग्रेस से पूर्व मंत्री डॉ एमएल रंगा भी सक्रिय हो गए हैं वे भी इस घोटाले के बाद सहकारिता मंत्री पर लगातार निशाना साध रहे हैं ओर इस्तीफे की मांग कर रहे है। डॉ एमएल रंगा आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट ले पाएंगे या नहीं ये भविष्य के गर्भ में है। वैसे भी अभी बावल विधानसभा में कांग्रेस का वजूद रेवाड़ी व कोसली की अपेक्षा कम है, एमएल रंगा कांग्रेस का कितना वोट बैंक बढ़ा पाएंगे यह कहना अभी मुश्किल है।
सहकारिता विभाग के घोटाले का भरपूर लाभ उठाने के लिए भाजपा के अनुसूचित जाति के प्रदेश सचिव एडवोकेट कमल निम्बल भी पूरी तरह सक्रिय हो चुके है। प्रदेश सचिव बनने पर जहां उनका जगह जगह अभिनन्दन किया जा रहा है तो वहीं वे प्रदेश आलाकमान की पसंद भी बने हुए हैं। वे आरएसएस के स्वयंसेवक रहे हैं व पार्टी के प्रति वफादार है। यदि आलाकमान एक प्रतिशत डॉ बनवारीलाल की टिकट काटता है तो कमल निम्बल की टिकट पक्की मानी जा सकती है। संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता होने के नाते उन्हें टिकट दिया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत का आशीर्वाद मिलने में भी कोई परेशानी नहीं हो सकती क्योंकि वे सभी से मिलनसार व स्नेह रखते हैं।
खैर अभी न तो 100 करोड़ के घोटाले पर मंत्री ड़ा बनवारीलाल पर कोई आरोप है और न ही अभी विधानसभा चुनाव हैं। तब तक सभी तस्वीरे साफ हो जाएंगी मगर इन चर्चाओं का दौर अपने चरम पर है।