गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर सर्व समाज ने किया सामूहिक नमन

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शुकराना सभा का आयोजन कश्मीरी सेवक समाज, भारत सेवा प्रतिष्ठान फरीदाबाद ने सर्व समाज के साथ मिलकर किया
समाचार गेट/संजय शर्मा
फरीदाबाद
। धन श्री गुरु तेग बहादुर जी साहिब के 350वें शहीदी दिवस पर सामूहिक नमन करने के लिए शुकराना सभा का आयोजन सेक्टर 17 स्थित शारिका भवन में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ श्री दिलीप लंगु जी के प्रसिद्ध गायन सतनाम श्री वाहे गुरु के भावपूर्ण से किया गया ।
इस अवसर पर भाई दीदार सिंह जी, हजूरी रागी, गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा सेक्टर 15, सरदार रविन्द्र सिंह राणा, मेंबर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, बी आर भाटिया, एक्स प्रेसिडेंट एफआईए वक्ता रहे।
कार्यक्रम मैं मुख्य वक्ता की जिम्मेदारी भारतीय सेवा प्रतिष्ठान के चेयरमैन श्रीकृष्ण सिंघल ने निभाई , सेक्रेटरी दीपक अग्रवाल ने कार्यक्रम मैं उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद किया। भारत सेवा प्रतिष्ठान के प्रेजिडेंट राजकुमार सीकरी एवं सुरिंदर बंसल, राकेश गुप्ता जी की भी गरिमामयी उपस्तिथि रही।
शुकराना सभा मैं कश्मीरी सेवक समाज के प्रेसिडेंट डॉ सुधीर सोपोरी एवं वाइस प्रेसिडेंट काशी आखून, सेक्रेटरी विनोद धर, सुभाष प्रेमी ने बताया कि भाई सतीदास, भाई मतिदास, भाई दयाला जी भी कश्मीरी समाज के ही अंग थे।
कश्मीरी सेवक समाज के वाइस प्रेसिडेंट काशी आखून ने बताया कि सूर्य के प्रकाश के समान सिखों के नवें गुरु ‘हिन्द की चादर’ धन- धन श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का 350वां शहीदी दिवस मनाने के लिए हम सभी यहाँ पर आये हैं। आज हम सब उस ज़ालिम औरंगजेब और अतातायियों मुगलों ने हमारी मातायें, बहनों पर हमारी आस्थाओं पर हिन्दू मंदिरों पर गुरुद्वारों पर हमला किया और यहां पर इस्लामिक निज़ाम कायम करने की कोशिश की उसे हमारे गुरुओं ने पुरजोर विरोध कर ऐर अपनी सहादत देकर नाकाम किया ।और जान छोड़ी लेकिन धर्म नहीं छोड़ा। इस धर्म को बचाने के लिए जिन गुरुओं ने बलिदान दिया उन गुरुओं के हम जन्मजन्मांतर तक कृतज्ञ रहेंगे।
श्री राजेंद्र सिंह जी ने ‘ना डाला एक बूंद पानी, आँख से एक बूंद पानी’ कविता की प्रस्तुति से सबका मन जीत लिया।
कश्मीरी सेवक समाज के प्रेसिडेंट एवं जेएनयू के पूर्व वी सी एवं पद्म श्री से सम्मानित कश्मीरी सेवक समाज के अध्यक्ष सुधीर सोपोरी ने सभा में मौजूद लोगों को बताया कि हमारे गुरुओं ने जो शहादत दी थी वह सनातन धर्म को बचाने के लिए और जो धार्मिक स्वंतन्त्रता जिसे हम कहते हैं, वैसी परिस्थितियां आज भी चल रही हैं 1990 में हमको जब विचारधारा के कारण कश्मीर छोड़कर निकलना पड़ा था तब मैं सोचता था कि उस वक्त खाली अकेले गुरु ने हिन्दू समाज को बचाया। एक गुरु का जो साहस होता है जिसके आगे सभी फेल हो जाते हैं। आज हम बात कर रहे हैं उनके बलिदान की जिन्होंने अपना शीश, जिसे सोचकर ही मन थर्रा उठता है। वर्तमान मैं कौन ऐसा करने की हिम्मत करेगा। उन्होंने कहा कि इस शुकराना सभा का जो उद्देश्य है वह आज कि युवा पीढी को बताने के लिए है की आज हम जो यहां खड़े हैं किस की वजह से खड़े है, उसके पीछे किन-किन गुरुओं ने शहादत दी है। सभा में बी आर भाटिया जी भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा सेक्टर 15 भाई दीदार सिंह हजूर रागी ने सभा में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु तेग बहादुर सिंह जी और गुरु नानक जी का रिश्ता इतना नहीं है कि वो आये और उन्होंने शहादत दी, बल्कि भाई मतिदास, भाई सतीदास और भाई दयाला जी ने भी सनातन धर्म की रक्षा के लिए शहादत दी वह भी आपकी परंपरा के थे, आपके परिवार से थे।उनके सुंदर शब्दों ने सभी का मन मोह लिया
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य सरदार रविन्द्र सिंह राणा ने शुकराना सभा में उपस्थित लोगों को बताया कि गुरुनानक देव जी जिधर-जिधर गए उधर-उधर सच के साथ लोगों को जोड़ा और उन्हें बताया की सच के रास्ते चलो, जो भी इंसान इस धरती पर आया है उसे जाना जरूर है। उन्होंने शिक्षा दी थी कि जुल्म के खिलाफ खड़ा होना है, किसी को डराना भी नहीं है और डरना भी नहीं है।
इस अवसर पर भारत सेवा प्रतिष्ठान के चेयरमैन श्रीकृष्ण सिंहल ने बताया कि बिफोर एंड आफ्टर का विचार जो जागृत कौम होती है वही विचार करती है और जहाँ कौम जागृत होती है वहां जो इतिहास है उसे दोहराया नहीं जाता क्योंकि कौम जो उससे सबक लेती हैं और संगठित होकर सामूहिक रूप से इसका मुकाबला करती हैं, ताकि कोई भी आततायी जो है आने वाले समय में इस तरह के अत्याचार ना कर सके। विभाजन के समय व बाद में 1990 में जैसी त्रासदियां हुई। हम आज यहाँ पर गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर उनकी शहादत से प्रेरणा लेने आये हैं। समाजसेवी अरुण वालिया ने बताया कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के हम सदैव ऋणी रहेंगे जिनकी शहादत के कारण सनातन धर्म आज भी जीवित है।गुरुओं की वाणी उनकी शिक्षाओं को हमें अवश्य सुनना चाहिए और उन्हें अपने जीवन मे उतारना चाहिए।
मंच का संचालन तारीफ के काबिल रहा। शुकराना सभा मैं शहर के विभिन्न गुरुद्वारों , मंदिरों एवं सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी एवं सर्व समाज के लोग उपस्थित रहे। विशेष तौर से उद्योगपति एवं समाजसेवी सरदार एस एस बांगा जिन्हें ट्री मैन भी कहा जाता है, विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ प्रचारक रॉस बिहारी जी,संजय जी, समाजसेवी एवं पार्षद सरदार कुलदीप सिंह साहनी, सरदार सुखदेव सिंह जी, सरदारनी राना कौर भट्टी, एक्स मेंबर ‘एचएसजीपीसी’, प्रधान गुरुद्वारा सिंह सभा सेक्टर 15, निधि जैन, गुड्डी बहनजी, सरदार मंजीत सिंह चावला, जगदीश चौधरी चेयरमैन बालाजी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, सरदार एचएस सेठी, सरदार बी एस वालिया, देवेंद्र सिंह, ओमनी रोड सेफ्टी सरदार गुरशरण सिंह सेक्टर 11, गुरदीप सिंह रूपराह, एके पंडित एवं सरदार गुरुनाम सिंह जी व अन्य गणमान्य लोगों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
शुकराना सभा के उपरांत लंगर प्रसाद की व्यवस्था भी रखी गई।

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