नूंह में डॉक्टरों की हड़ताल बेअसर, स्वास्थ्य सेवाएं पूरी क्षमता से चालू
-सिविल सर्जन और डीसी की मजबूत व्यवस्था से जिला अस्पतालों में किसी प्रकार की बाधा नहीं
-जनता की मांग—लंबे समय से तैनात डॉक्टरों का तबादला किया जाए
City24News/अनिल मोहनिया
नूंह | नूंह जिले में दो दिनों से जारी चिकित्सकों की हड़ताल का स्वास्थ्य सेवाओं पर कोई असर दिखाई नहीं दिया है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तैयारी इतनी मजबूत रही कि ओपीडी, इमरजेंसी, लैब, दवा वितरण, प्रसूति सेवाएं और जच्चा-बच्चा केंद्र पूरी क्षमता के साथ संचालित होते रहे। सिविल सर्जन डॉ. सरबजीत कुमार थापर और नूंह उपायुक्त अखिल पिलानी ने पहले से ही सभी आवश्यक कदम उठाए हुए थे, जिसका सीधा लाभ आम जनता को मिला।
हड़ताल के दौरान सेवाओं में कमी न आने पाए, इसलिए एनएचएम डॉक्टरों, प्राइवेट चिकित्सकों और विभिन्न संस्थानों के विशेषज्ञों को तुरंत ड्यूटी पर लगाया गया। नागरिक अस्पताल मांडीखेड़ा में ड्यूटी मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है, जिससे किसी भी स्थिति पर तत्काल नियंत्रण किया जा सके।
सिविल सर्जन डॉ. थापर ने कहा कि “जिले में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह सामान्य हैं। जनता को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए सभी संसाधन तत्पर हैं।”
जिला पार्षद परवेज आलम, सांठावाड़ी सरपंच नसीम, हाजी अली मोहम्मद, एडवोकेट सुबोध जैन, पूर्व चेयरमैन ताहिरा और कई जन प्रतिनिधियों ने प्रशासन के प्रयासों की सराहना की। साथ ही उन्होंने यह भी मांग उठाई कि नूंह जिले में 5 साल से अधिक समय से तैनात डॉक्टरों का तत्काल प्रभाव से तबादला किया जाए, क्योंकि लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनाती के कारण सभी सरकारी अस्पतालों में भ्रष्टाचार फैला हुआ है। यह डॉक्टर एमएलआर और ओपिनियन के नाम पर हजारों और लाखों रुपए आम जनता से लेते हैं। ऐसी दर्जनों शिकायतें सीएम विंडो, जन संवाद और उच्च अधिकारियों के संज्ञान में है। सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयां होने के बावजूद भी प्राइवेट मेडिकलों के लिए यह डॉक्टर दवाइयां भी लिखते हैं।
जनप्रतिनिधियों का मानना है कि समय-समय पर तबादला न होने से कार्यशैली प्रभावित होती है और पारदर्शिता पर प्रश्न उठते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे कदम उठाए जाने से जनता का भरोसा और मजबूत होगा।
कुल मिलाकर, नूंह में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की सक्रियता के कारण हड़ताल बेअसर रही और मरीजों को सभी सेवाएं पहले की तरह मिलती रहीं।
