छप्पन भोग से मन के विकार दूर होते है और मन की शुद्वि होती है: श्री राघवाचार्य जी महाराज
City24news/ब्यूरो
फरीदाबाद। तेरापंथ भवन सेक्टर-10 में पंजाब अग्रवाल समाज (रजि.) द्वारा आयोजित श्रीमद़ भागवत ज्ञानयज्ञ कथा के पांचवे दिन कथा व्यास परम श्रद्वेय जगदगुरू रामानुजाचार्य परम पूज्य स्वामी डॉ. श्री राघवाचार्य जी महाराज(अयोध्या वाले) ने भगवान कृष्ण की अनेकों लीला का महत्व, गोवर्घन पूजा और श्रीकृष्ण भगवान के छप्पन भोग के महत्व को बताया। श्री राघवाचार्य जी महाराज ने बताया कि इस भोग से मन के विकार दूर होते है और मन की शुद्वि होती है। उन्होनें बताया कि भगवान इन्द्र जब प्रकोप में थे तब उन्होनें वर्षा करके कहर बरपाया। चारों और हाहाकार मच गई और गांव जलमग्रन होने लगे तभी भगवान श्रीकृष्ण ने गोर्वधन पर्वत उंगली पर उठा लिया इससे सभी गांव के लोग गोवर्धन पर्वत के नीचे आ गए और वहां शरण ली। कथा व्यास श्री राघवाचार्य जी महाराज ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र का मान नष्ट करके गिर्राज पूजा कराई थी तब सभी बृजवासियों ने गोर्वधन पहुंचकर गिर्राज पूजन किया और 56 भोग लगाया। उन्होनें कहा कि आज भी वृदांवन में बांके बिहारी जी को दिन में आठ बार भोग लगाया जाता है क्योकि पूरे सात दिन भगवान श्रीकृष्ण ने भूखे प्यासे गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा था। इस मौके श्री रमेश गुप्ता, (राष्ट्रीय कोषधक्ष, विश्व हिन्दू परिषद) ने कहा कि भगवान अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए किसी ना किसी रूप में प्रकट होते है। इसलिए हमें भगवान पर हमेशा विश्वास रखना है और धर्म के रास्ते पर सदैव चलना है। इस अवसर पर पंजाब अग्रवाल समाज के सरंक्षक रमेश गुप्ता, रुलदू राम गर्ग, पवन गर्ग अध्यक्ष रान्ति देव गुप्ता, उपाध्यक्ष अवतार मित्तल, विजय गुप्ता, महासचिव बनवारी लाल गर्ग, सचिव अनिल गर्ग, वित्त सचिव राजेन्द्र कुमार गर्ग,कोषाध्यक्ष राकेश सिंगला , सतीश गर्ग, अश्वनी गर्ग, श्री कृष्ण सिंगल, प्रेम पसरीचा, कैलाश शर्मा,अनूप गुप्ता, दिनेश गोयनका, कालिदास गर्ग, पवन बंसल, आदि भक्त उपस्थित थे।