हत्या के मामले में 12 दोषियों को अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा 

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वर्ष 2020 में नूंह के आटा गांव में दो पक्षों में हुई थी हिंसक झड़प।
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | नूंह जिले के आटा गांव में सितंबर 2020 में हुई हिंसक झड़प और हत्या के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार वर्मा की अदालत ने गुरुवार को 12 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। प्रत्येक दोषियों पर 61,500 रुपए तक का जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला हरिजन और बाल्मिकी समुदाय के बीच हुए विवाद से जुड़ा है, जिसमें वेदराम पुत्र हेतराम की हत्या कर दी गई थी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार वर्मा की अदालत के उप -जिला न्यायवादी संदीप लांबा के अनुसार घटना की शुरुआत 15 सितंबर 2020 को हुई, जब त्रिलोक निवासी आटा ने 9 वर्षीय बेटे प्रिंस पुत्र गौतम को दूसरे पक्ष ने पीट दिया था। इस घटना के बाद पीड़ित गौतम और बीर सिंह ने त्रिलोक से इसका कारण पूछा, जिसके जवाब में त्रिलोक ने बीर सिंह को थप्पड़ मारा और गाली – गलौच की। अगले दिन, 16 सितंबर 2020 को शाम करीब 7 बजे, राकेश और राजेश को हरिजन चौपाल के पास लाठी, सरिया और डंडों से पीटा गया। उसी दौरान लोकेश को भी मारपीट का शिकार बनाया गया। इसी बीच, वेदराम दुकान से सामान लेने गए थे तभी त्रिलोक, दुष्यंत, ओमपाल, अजय, प्रकाश, सतबीर, हितेश, तरुण उर्फ बंटी, प्रवीण, राहुल, मनोज और विजय सहित अन्य लोगों ने लाठी, डंडे, सरिया, फरसा और ईंट – पत्थरों से उन पर हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल वेदराम को उनके बेटे पोप सिंह और अन्य ग्रामीणों ने सोहना सरकारी अस्पताल ले गए, जहां से उन्हें मेदांता अस्पताल, गुरुग्राम रेफर किया गया। वहां डॉक्टरों ने वेदराम को मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलने पर थाना रोजका मेव की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने पाया कि घटनास्थल पर खून और ईंट – पत्थर बिखरे हुए थे। पोप सिंह की लिखित शिकायत और मृतक वेदराम के मेडिको – लीगल रिपोर्ट के आधार पर थाना रोजका मेव में धारा 148, 149, 323, 341, 302 IPC के तहत मुकदमा दर्ज किया गया । नूंह पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए साक्ष्य जुटाए, जिसके आधार पर अभियोजन पक्ष ने मजबूत पैरवी की। लगभग साढ़े चार साल की सुनवाई के बाद, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार वर्मा की अदालत ने 15 जुलाई को त्रिलोक कुमार उर्फ तरुण, विजय सिंह, निरंजन, राहुल, अजय कुमार, हितेश, प्रवीण गौतम, प्रकाश उर्फ ओमप्रकाश, पंकज, दुष्यंत कुमार, सतवीर सिंह चौहान, और नरवीर को दोषी ठहराया। गुरुवार को इन सभी को आजीवन कारावास और 61,500 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई। उप-पुलिस अधीक्षक मुख्यालय हरिंद्र कुमार ने बताया कि नूंह पुलिस ने शुरुआत में ही सभी जरूरी सबूत जुटाए , जिसके आधार पर यह सजा संभव हो सकी। पीड़ित पक्ष ने अदालत के इस निर्णय का स्वागत किया है।

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