सत्ता बदलने की आहट हुई तेज, अफ़सरों से लेकर मीडिया तक के बदले सुर
City24news/ब्यूरो
फरीदाबाद | यह तो समय ही बताएगा कि लोकसभा चुनावों के मतदान के बाद केन्द्र से भाजपा की सरकार आऐगी या फिर इंडिया गठबंधन की सरकार आएगी। वोटिंग का प्रतिशत कम या बीजेपी के कोर वोट बैंक की उदासीनता कहें तो इन चुनावों में चरण दर चरण कुल मिलाकर सब पार्टियों की नींद उड़ा कर रख दी है। सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश जैसे बड़े और भाजपा के सबसे सुरक्षित राज्य में हुए सबसे कम वोटिंग प्रतिशत ही बताएगा कि कि अब केंद्र में सत्ता परिवर्तन निश्चित है या नहीं।कांग्रेस एवं इंडिया गठबंधन द्वारा लगाए आरोपों की बात करें तो अडानी अंबानी पर बोलने, उन्हें भ्रष्टाचारी बताने का प्रयास कितना सफल होगा यह भी रिजल्ट आने पर ही पता चलेगा। आचार संहिता लगने के बाद मीडिया का सुर भी अचानक से बदलता नज़र आ रहा है। अख़बारों/चैनलों ने भी पहले और दूसरे चरण के बाद अपना स्टैंड बदल लिया है।बदलाव की ये आहट किस ओर ले जाए यह तो मतगणना के दिन साफ हो जाएगा, वोटिंग आंकडों की अगर बात करें तो तीसरे चरण के मतदान के बाद भी बूथों पर मतदान के प्रति कोई उत्साह नज़र नहीं आया।भाजपा द्वारा “अबकी बार 400 पार” का नारा सफल होगा या इंडिया गठबंधन इसे विफल करेगा यह तो समय ही बताएगा।
कांग्रेस के जोनल अध्यक्ष माइनॉरिटी डिपार्मेंट हरियाणा प्रदेश एवं कोऑर्डिनेटर हरियाणा प्रदेश जिला मेवात प्रभारी ओबीसी सेल लुकमान रमीज का कहना है कि चरखी दादरी से सोमवीर सागवान, नीलोखेड़ी से धर्मपाल सिंह गोंडा और कुंडली से निर्दलीय विधायक रणधीर सिंह गोलन का एकाएक कांग्रेस में शामिल होना हरियाणा का सबसे बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम है। तीनों विधायकों ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस में जाने की आस्था जताई है असल में यह तीनों जान गए हैं कि लोकसभा चुनाव में तो कांग्रेस इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर हरियाणा की दस की दस सीटें तो जीतेगी ही साथ ही विधानसभा चुनाव भी अब फिलहाल कांग्रेस के ही हाथ में दिखाई दे रहा है।