सड़कों की खस्ता हालत ने लोगों को रूलाया, पानी के कारण लगा जाम

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बरसात से दोबारा चली गई नाली और नालों में गंदगी
City24news/कविता गौड़
फरीदाबाद। बरसात में सडकों पर मौजूद बड़े-बड़े गड्ढ़े पानी से भर गए और खरनाक हो गए। जिनसे लोगों को वाहन चलाने में परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम के द्वारा किए गए स्वच्छता के दावे की भी पोल खुल गई। निगम के द्वारा नाले और नालियों की सफाई के बाद निकाला गया कचरा बरसात के कारण दोबारा से नाली और नाले में चला गया। प्रशासन का दावा है कि सभी नालों की सफाई की जा चुकी है। लेकिन लोगों का आरोप है कि एक भी नाला ढंग से साफ नहीं किया गया। उन्होंने इनकी जांच का निवेदन किया है, ताकि निगम के खोखले दावे की पोल खुल सके। वहीं बडखल तहसील का हाल भी बेहाल नजर आया। सड़कों पर भरे पानी के कारण शहर में चारों तरफ जाम की स्थिति पैदा हो गई।

गंदगी और कचरा:

 जिले में मौजूद नालियों में जगह-जगह कचरे व गंदगी के ढेर लगे हुए है। इसके चलते उसमें पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। हालांकि पिछले दिनों नगर निगम के द्वारा इनकी सफाई करवाई गई थी। लेकिन सफाई के बाद निकाले गए कचरे के ढ़ेर को नालियों के आसपास से उठाया नहीं गया है। जिसके कारण बरसात में यह गंदगी और कचरा नालियों में दौबारा से चला यगा। वहीं दूसरी तरफ यही हाल जिले में गुजरने वाले नालों का है। यहां नाला गंदगी से अटा पड़ा है। इस कारण बारिश के पानी का फ्लो नहीं बन पाता और पानी आसपास के निचले इलाके में जमा हो जाता है। शहर का 70 फीसदी पानी इसी नाले से गुजरता है।

गलियों में पानी:

सीवरेज की सफाई के बाद गंदगी न उठाए जाने के कारण जिले की कॉलोनियों की गलियों में जगह-जगह पानी भरे हुए देखा जा सकता है। कालोनियां ही नहीं, शहर के सेक्टरों में भी सीवरेज जाम की समस्या के कारण जरा सी बरसात होते ही उधर से गुजरने वाले सड़कों पर पानी ही पानी हो जाता है। अनेक घरों में पानी घुस जाता है।

लोगों का कथन: शहरवासियों का कहना है हर बार सफाई के नाम पर मात्र दिखावा होता है उन्होंने कहा कि बरसात की सूचना मौसम विभाग ने पहले ही दे दी थी। लेकिन इसके बावजूद भी कोई तैयारी निगम ने नहीं की। वहीं पिछले दिनों साफ किए गए नाले और नालियों में बरसात में दोबारा गाद चला गया। बीमारियां फैलने का डर बना रहता है। लोगों के अलावा दुकानदारों को भी बदहाली का सामना करना पड़ रहा है। इस बारे में सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों को पता होता है। लेकिन बरसात में इसका कोई स्थायी समाधान निकाला जा सका है।

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