पशुपालन विभाग द्वारा कृत्रिम गर्भाधान व पशु स्वास्थ्य कैंपों के माध्यम से पशुधन संवर्धन की दिशा में किया गया है उल्लेखनीय कार्य : विश्राम कुमार मीणा
– वित्त 2024-25 में लगाए हैं अब तक कुल 141 पशु स्वास्थ्य बाँझपन निरोधक शिविर
– वर्ष 2024-25 के अब तक के आंकड़ों के अनुसार कुल 1,38,132 कृत्रिम गर्भाधान किए गए, जिसमें 18,671 गायों और 1,19,461 भैंसों को शामिल किया गया
– वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल से जून माह तक कुल 30,182 कृत्रिम गर्भाधान किए गए, जिसमें 4,689 गायों तथा 25,493 भैंसों का कृत्रिम गर्भाधान किया गया।
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि पशुपालन विभाग, जिला नूंह द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में पशुधन को बेहतर बनाने हेतु विभिन्न योजनाओं के तहत कृत्रिम गर्भाधान एवं पशु स्वास्थ्य कैंपों का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया है। इससे पशुपालकों को उच्च गुणवत्ता की सेवाएं प्राप्त हो रही हैं और पशुधन उत्पादन में भी वृद्धि हो रही है।उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में अप्रैल से जून माह तक कुल 30,182 कृत्रिम गर्भाधान किए गए, जिसमें 4,689 गायों तथा 25,493 भैंसों का कृत्रिम गर्भाधान किया गया। वहीं पूरे वर्ष 2024-25 के अब तक के आंकड़ों के अनुसार कुल 1,38,132 कृत्रिम गर्भाधान किए गए, जिसमें 18,671 गायों और 1,19,461 भैंसों को शामिल किया गया।
उपायुक्त ने बताया कि कृत्रिम गर्भाधान हेतु पशु संस्थान पर प्रति स्ट्रॉ 30 रुपए शुल्क लिया जाता है, जबकि पशुपालक के घर जाकर सेवा देने पर 100 रुपए प्रति स्ट्रॉ निर्धारित किया गया है। यह शुल्क केवल सीमेन स्ट्रॉ के लिए है। दस्ताने व शीथ जैसे अन्य उपयोगी सामान पर विभाग द्वारा कोई शुल्क नहीं लिया जाता। यह सुनिश्चित करता है कि पशुपालकों को किफायती दरों पर गुणवत्तापूर्ण सेवा मिले।
पशु स्वास्थ्य व बाँझपन निरोधक कैंपों का आयोजन :
उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि पशुओं की संपूर्ण स्वास्थ्य जांच व उपचार हेतु वर्ष 2024-25 में अब तक कुल 141 पशु स्वास्थ्य कम बाँझपन निरोधक शिविर लगाए जा चुके हैं। केवल अप्रैल से जून 2025 के मध्य 33 कैंप सफलतापूर्वक आयोजित किए गए। इन शिविरों में पशुओं की नस्ल सुधार, रोग निदान, गर्भ जांच, टीकाकरण आदि सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई गईं।
उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग सभी पशुपालकों से अपील करता है कि वे कृत्रिम गर्भाधान हेतु केवल विभाग द्वारा संचालित संस्थानों या अधिकृत कर्मचारियों से ही सेवाएं प्राप्त करें। विभाग द्वारा उच्च गुणवत्ता के सीमेन का उपयोग किया जाता है, जिससे पशुधन की नस्ल में सुधार और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित होती है। कोई भी पशुपालक अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
जिला पशुपालन एवं डेयरी विकास अधिकारी
पशुपालन विभाग, नूंह के कार्यालय में संपर्क कर सकता है।