फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए किसानों को प्रशासन द्वारा किया जाएगा जागरूक : डीसी

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City24news/ब्यूरो
फरीदाबाद | सीएक्यूएम के चेयरपर्सन डॉ. एमपी शुक्ला ने कहा कि धान फसल की कटाई के दौरान किसानों द्वारा धान की पराली जलाने पूर्णतया पाबंदी सुनिश्चित करें। टेक्निकल वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग/सीएक्यूएम के चेयरपर्सन डॉ. एम पी शुक्ला और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक राजनारायण कौशिक ने आज मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला के सभी उपायुक्तों को जरूरी निर्देश दिए। 

विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के उपरांत उपायुक्त विक्रम सिंह ने कहा कि धान की पराली जलाने से रोकने के लिए किसानों को जागरूक करके प्रशासन द्वारा किसानों की हर संभव सहायता की जाएगी। वहीं जिला में ग्राम स्तर से लेकर जिला स्तर तक निगरानी टीमें बनाई जाएंगी। जिला में धान की कटाई के दौरान पराली जलाने की घटनाएं रोकने और किसानों की जागरूकता के लिए  जिला प्रशासन द्वारा एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। फसल अवशेषों में आगजनी की घटनाओं को रोकने व किसानों का जागरूक करने हेतु गांव, खण्ड, उपमंडल एवं जिला स्तर पर कृषि, राजस्व व पंचायत विभाग के अधिकारियों की टीमें बनाकर किसान को समझाने के बाद भी पराली में आग लगाया तो उसके खिलाफ जुमार्ना लगाने के अतिरिक्त कानूनी कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी।

बता दें कि धान की पराली में आगजनी की घटनाओं में विशेष निगरानी के लिए हरसेक द्वारा सेटेलाइट के माध्यम से किसानों के खेतों में नजर रखी जाती है। जैसे ही कोई किसान धान की पराली जलाया उसकी जीपीएस लोकेशन हरसेक द्वारा कृषि विभाग को भेज दी जाती है। इस पर सम्बन्धित गांव स्तरिय टीम तुरन्त पहुंच कर सम्बन्धित किसान के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाती।

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