नूंह में हजरत शेख मूसा की दरगाह पर मनाया गया 714 वां सालाना उर्स मनाया गया।

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-हजरत शेख मूसा की दरगाह पर 714 वां सालाना उर्स पर पुलिस के सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजार।
City24News/अनिल मोहनिया

नूंह | नूंह की अरावली पर्वतमाला की तलहटी में स्थित हजरत शेख मूसा की दरगाह पर 714 वां सालाना उर्स मनाया गया। 

इस उर्स में ख्वाजा फरीद अहमद निजामी दिल्ली, कमाल बाबा बीजेपी, मौलाना मोहम्मद आरिफ राजा अश्फाकी टॉई, मौलाना रमजान अलवर, मौलाना रफीक, शेरे मेवात मुफ्ती मोहम्मद इसाक अश्फाकी टॉई, कारी अहमद सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

ख्वाजा फरीद अहमद निजामी दिल्ली ने कहा कि हमने यहां आकर मुल्क के अमन- शांति, तरक्की के लिए दुआ की है। 

इसके अलावा उर्स में पहुंचे बड़े धार्मिक उलेमाओं ने कहा कि नूंह जिले में सामाजिक बुराइयां बड़ी तेजी से फैल रही हैं।

इन बुराइयों में ऑनलाइन ठगी के अलावा विवाह-शादियों में ज्यादा दहेज का चलन समाज को लगातार खोखला करता जा रहा है। इसके अलावा और नई-नई बुराइयां समाज में तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि पूरे मुल्क में अमन व शांति बरकरार रहे।

जहां पुलिस प्रशासन व सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, लेकिन 714 वां सालाना उर्स बहुत ही अमन-शांति के साथ मनाया गया। 

आपको बता दें कि हजरत शेख मूसा निजामुद्दीन औलिया के खलीफा थे और जब वो अरावली पर्वत से गुजर रहे थे, तो उनका पल्लू झाड़ियों में अटक गया था और वो यहीं पर रुक गए थे. उसी दिन से इस जगह पर पल्ला गांव स्थित है और वहीं पर उनकी दरगाह है।

इस दरगाह में एक पानी का गड्ढा है। माना जाता है कि अगर उस गड्ढे के पानी से शरीर के मस्सों पर लगाया जाए तो मस्से खत्म हो जाते हैं। दूसरा इस मजार पर दो मीनार हैं। माना जाता है कि एक मीनार को हिलाने पर दूसरी मीनार अपने आप हिलती है। ये ऐतिहासिक धरोहर आज भी इलाके में कायम है और लोग दूर-दराज से लोग इसे देखने के लिए भी आते हैं। हजरत शेख मूसा की दरगाह पर 714 वां सालाना उर्स मनाया गया।

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