सिवानी मंडी के पास चौधरीवास टोल प्लाजा पर तनाव: किसान नेता रवि आजाद ने बताया ‘गुंडा टैक्स’ टोल हुआ फ्री

City24news/सोनिका सूरा
सिवानी। सिवानी मंडी (हिसार): सिवानी मंडी-हिसार-राजगढ़ रोड पर स्थित चौधरीवास टोल प्लाजा पर आज संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। यह प्रदर्शन टोल प्लाजा कर्मियों द्वारा हाल ही में किसान नेताओं के साथ की गई कथित बदतमीजी के खिलाफ आयोजित किया गया। विरोध स्वरूप, प्रदर्शनकारी किसानों ने दोपहर 2 बजे तक टोल प्लाजा को पूरी तरह से फ्री कर दिया, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
धरने को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेता रवि आजाद ने टोल प्लाजा प्रशासन और अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनके संगठन ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए पहचान पत्र जारी किए हैं और टोल कर्मियों को उन्हें किसी भी प्रकार से परेशान नहीं करना चाहिए। आजाद ने चौधरीवास टोल प्लाजा को “अवैध” करार देते हुए सनसनीखेज आरोप लगाया कि यह एक प्रकार का “गुंडा टैक्स” है, जिसे जबरन वसूला जा रहा है।
अपने आरोपों के समर्थन में रवि आजाद ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के पूर्व के बयान का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि दो टोल प्लाजा के बीच की दूरी 60 किलोमीटर से कम नहीं होनी चाहिए। आजाद ने दावा किया कि चौधरीवास टोल प्लाजा इस नियम का उल्लंघन करता है, इसलिए इसे संचालित करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।
इस अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा के कई अन्य नेता और सैकड़ों कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में टोल प्लाजा के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में उनके संगठन के किसी भी कार्यकर्ता को परेशान किया गया, तो वे और भी उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
इस घटनाक्रम ने क्षेत्र में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। टोल प्लाजा पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित रही और यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। हालांकि, किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज कराया।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन और टोल प्लाजा के अधिकारी इस गंभीर आरोप और विरोध प्रदर्शन पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। क्या टोल प्लाजा की वैधता की जांच की जाएगी? और क्या किसान नेताओं के साथ बदतमीजी करने वाले कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी? यह घटना निश्चित रूप से किसान संगठनों और टोल प्लाजा संचालकों के बीच संबंधों को और तल्ख कर सकती है। आगे की कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।