गीता के कर्म के संदेश को आत्मसात कर आगे बढ़ने की लें प्रेरणा- उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा

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उपायुक्त तीन दिवसीय गीता जयंती महोत्सव के समापन अवसर में रहे मुख्यातिथि 
समापन समारोह में उत्कृष्टï कार्य करने वाले विभागों व विद्यार्थियों को किया गया सम्मानित

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि गीता हमें शिक्षा देती है कि अहंकार का त्याग कर आत्मज्ञान के साथ एक दूसरे के साथ बेहतर संबंध स्थापित कर समाज में समरसता का समावेश करना चाहिए। गीता सबसे श्रेष्ठ ग्रंथ है, जिसमें मानवमात्र को जीवन जीने की पद्धति मिली है। गीता का कर्म का संदेश सारे विश्व में प्रसिद्ध है। गीता में दिए कर्म के संदेश को आत्मसात कर हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा लेनी है। श्रीमद्ïभगवत गीता शिक्षा और दीक्षा का ग्रंथ है तथा इसमें कर्म की शिक्षा है तो कर्तव्य के रूप में दीक्षा भी है।

उपायुक्त बुधवार को बाल भवन सामुदायिक केंद्र नूंह में आयोजित तीन दिवसीय गीता जयंती महोत्सव के समापन अवसर पर उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने गीता के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा की धरती वह पावन स्थल है, जहां पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का दिव्य ज्ञान दिया था। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, यह संस्कृति का उत्सव, विरासत और जीवन का मूल सिद्धांत है। गीता का संदेश हमें सिखाता है कि मानव जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य सत्य में निहित है। धर्म और मानवता की सेवा में गीता जीवन के हर पहलू में मुख्य मार्गदर्शक है। गीता के ज्ञान से मनुष्य एकाग्रता की ओर बढ़ता है। 

उपायुक्त ने मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी एवं गीता जयंती पर्व की शुभकामनाएं देते हुए भगवान से प्रार्थना की कि वे सभी के जीवन को ज्ञान से आलोकित करें। आज ही के दिन 5 हजार 162 वर्ष पहले भगवान श्रीकृष्ण जी के मुख से श्रीमद् भगवद् गीता का उद्घोष हुआ था। आज कुरुक्षेत्र में 18 हजार विद्यार्थियों द्वारा अष्टादशी श्लोकों को एक साथ पढ़ा गया, जिसका प्रसारण पूरे प्रदेश के सभी जिलों, स्कूलों तथा अंतर्राष्टï्रीय स्तर पर हुआ है। आज अनेक देशों में गीता का पाठ किया गया है। गीता पाठ के न केवल धार्मिक, बल्कि वैज्ञानिक अर्थ भी हैं। जिन 18 छंदों का पाठ आज किया गया है, वह अपने आप में एक प्रार्थना है, गीत है, और शांति का आह्वान है।

इससे पहले उपायुक्त ने जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों की ओर से आयोजित जिला स्तरीय प्रदर्शनी का अवलोकन कर विभागों से संंबंधित योजनाओं की प्रगति का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि गीता जयंती महोत्सव में सभी विभागों ने बहुत ही सुंदर व आकर्षक प्रदर्शनी लगाई, जिसमें उन्होंने अपने विभाग से संबंधित सभी जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रदर्शित किया है। सभी विभागों ने मिलकर मेहनत की और जिला स्तरीय कार्यक्रम को बहुत ही शानदार व सफल बनाया है। स्कूली बच्चों ने भी शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी हैं, जोकि काबिल-ए-तारीफ रही। सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं की ओर से शहर में भव्य  शोभा यात्रा निकाली गई, जिसमें जिलावासियों को पूर्ण सहयोग व समर्थन मिला। 

अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह मलिक ने इस मौके पर कहा कि जिला में गीता जयंती महोत्सव का तीन दिन तक सफल आयोजन किया गया। गीता जयंती महोत्सव मनाने का जो उद्देश्य था, उसे साकार करने के लिए सभी विभागों ने मिलकर सराहनीय कार्य किया। इस महोत्सव में काफी संख्या में जिला के लोग जुड़े और उन्होंने गीता के ज्ञान के साथ-साथ सरकारी योजनाओं व सुविधाओं का भी लाभ उठाया। कार्यक्रम में अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह मलिक ने मुख्यातिथि को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। 

कार्यक्रम में एसडीएम नूंह प्रदीप सिंह अहलावत ने गीता जयंती महोत्सव के आयोजन में उत्कृष्टï कार्य करने वाले विभागों, अधिकारियों, कर्मचारियों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देने वाले विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष नरेंद्र पटेल, नगर परिषद चेयरमैन संजय मनोचा, सरदार जीएस मलिक, जिला बाल कल्याण अधिकारी सुंदरलाल खत्री, बाल संरक्षण अधिकारी मधु जैन, कृषि विभाग के अधिकारी अजय तोमर, नरेंद्र शर्मा, हेमराज शर्मा, दिनेश नागपाल, गोपाल पंडित, समाजसेवी मीना ठाकुर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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