किसानों के मसीहा बने सूरजपाल भूरा, मिलेगा किसानों को उनका जमीनी हक
1974 में गठित दीक्षित आयोग के अनुसार मिलेगा न्याय
City24news/ब्यूरो
फरीदाबाद। सरकारी दफ्तरों की लापरवाही भरा सिस्टम कहिए या सही पैरोकार ना मिलने की वजह से यहां दो राज्यों के बीच जमीनी विवादों का समाधान का हल होने के बावजूद भी करीब 50 सालों से न्याय की आस में भटकते किसानों के लिए मसीहा बनकर उभरे हैं चांदपुर गांव के सरपंच सूरजपाल भूरा।
जी हां ! हम बात कर रहे हैं यमुना नदी के किनारे सटे गांव चांदपुर की यहां के किसानों की जमीन यमुना द्वारा भूमि कटाव के कारण उत्तर प्रदेश में चली गई। अब किसानों के लिए समस्या यह थी कि इस जमीन को उत्तर प्रदेश राज्य के रिकार्ड में कैसे दर्ज करवाएं। वर्षों से लंबित समस्या की गंभीरता को देखते हुए चांदपुर गांव के सरपंच और सरपंच एसोसिएशन के प्रधान सूरजपाल भूरा ने इस मामले में पहल करते हुए किसानों के साथ उत्तर प्रदेश की विधानसभा जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह से मिले और चांदपुर गांव के किसानों की जमीन जोकि वर्तमान में बेला कलां में स्थित है कि खतौनी में दर्ज कराने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।
जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 1974 में केंद्र सरकार ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच यमुना के कारण पैदा हुए सीमा विवाद की समस्या का हल करने के लिए दीक्षित आयोग का गठन किया था, तब दीक्षित आयोग के अनुसार दोनों प्रदेशों के बीच यमुना को ही सीमा तय कर दिया था और आयोग ने कहा था कि यदि यमुना नदी के कटाव के कारण भूमि उत्तर प्रदेश में चली जाती है तो एसी स्थिति में भी मालिक हरियाणा के किसान ही रहेंगे तथा जमीन उत्तर प्रदेश के राजस्व रिकार्ड में दर्ज की जाएगी और इसी तरह उत्तर प्रदेश की तरफ यमुना का कटाव हुआ और उत्तर प्रदेश के किसानों की भूमि हरियाणा की तरफ निकलती है तो मालिक उत्तर प्रदेश के किसान बने रहेंगे और जमीन हरियाणा के राजस्व रिकार्ड में दर्ज की जाएगी।
वर्तमान में चांदपुर गांव जोकि हरियाणा में है के किसानों की जमीन बेला कलां गांव उत्तर प्रदेश की तरफ है। यह जमीन दीक्षित आयोग के अनुसार नोएडा राजस्व रिकार्ड में दर्ज तो की जा चुकी है, लेकिन अभी तक चांदपुर गांव के किसानों नाम बेला कलां की खतौनी में दर्ज नहीं किए हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि खतौनी में नाम दर्ज नहीं होने की स्थिति में कोई भी किसान के खाते की जमीन पर अपना कब्जा दिखाकर उसके हिस्से को बेचने का प्रयास कर सकता है।
इस अवसर पर उनके साथ हरद्वारी, रोहतास, सोरेन, जोगेंद्र, भगत सिंह मेंबर, दाताराम, कैप्टन जयपाल सिंह, कंचन सिंह, जोगेंद्र कालू, महेश, आदि उपस्थित रहे।
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किसानों को उनका हक दिलाना ही मेरा उदेश्य: सूरजपाल भूरा
सरपंच एसोसिएशन के प्रधान और चांदपुर गांव के सरपंच सूरजपाल भूरा ने बताया कि किसानों की समस्या और गंभीरता को देखते हुए किसानों के साथ मिलकर उनकी आवाज को उठाया है और नोएडा के जिलाधिकारी से नाम दर्ज कराने के लिए कहा है। मेरा प्रयास है कि जल्द से जल्द किसानों को उनका हक दिला सकूं एवं इस कार्य के लिए हमें जो भी भागदौड करनी पड़ मैं करुंगा।