विद्यार्थी बनेंगे संविधान के सशक्त प्रहरी: विपुल गोयल
संविधान दिवस पर मंत्री विपुल गोयल ने संविधान के मूल्यों की महत्ता को रेखांकित किया
City24news/संजय शर्मा
फरीदाबाद। हरियाणा सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, शहरी स्थानीय निकाय और नागरिक उड्डयन मंत्री विपुल गोयल ने मंगलवार को मनाव रचना विश्वविद्यालय के विधि विभाग में आयोजित संविधान दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस कार्यक्रम का आयोजन संविधान के 75वें वर्षगांठ के उपलक्ष्य में किया गया था। मुख्य अतिथि विपुल गोयल के अतिरिक्त इस कार्यक्रम में विधायक व पूर्व मंत्री मूलचंद शर्मा, विधायक सतीश फागना व विधायक धनेश अदलखा भी बतौर अतिथि उपस्थित थें।
विपुल गोयल ने संविधान सप्ताह प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जिसे विधि विभाग के छात्रों ने तैयार किया था। यह प्रदर्शनी भारतीय संविधान के दर्शन और उसकी गहन समझ को समर्पित थी। उन्होंने प्रदर्शनी को संविधान के प्रति गहरी निष्ठा और कानूनी ज्ञान का प्रतीक बताया। उनके अनुसार, “यह प्रदर्शनी न केवल छात्रों की रचनात्मकता का परिचय देती है, बल्कि यह हमारे संविधान के मूल सिद्धांतों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण भी है।“
संविधान के सिद्धांतों को आत्मसात करने की प्रेरणा
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने विधि विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह विभाग छात्रों को सिर्फ विधि के सिद्धांत ही नहीं सिखाता, बल्कि उन्हें संविधान के मूल्यों को आत्मसात करने की प्रेरणा भी देता है। उन्होंने कहा, “भारत का संविधान न्याय, समानता और लोकतंत्र का आधार है। यह प्रत्येक नागरिक के अधिकारों और कर्तव्यों का मार्गदर्शक है।“
विद्यार्थी बनेंगे संविधान के सशक्त प्रहरी
विपुल गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि विधि विभाग के छात्र-छात्राएं भविष्य के उन नेताओं और न्यायप्रहरियों के रूप में उभरेंगे, जो संविधान के मूल्यों की रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा, “ये विद्यार्थी केवल अपने लिए नहीं, बल्कि एक न्यायपूर्ण और समान समाज के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएंगे। उनकी शिक्षा और प्रतिबद्धता भारत के उज्जवल भविष्य की नींव रखेगी।“
संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ
कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों ने सामूहिक रूप से भारतीय संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया। इस अनुष्ठान ने संविधान के प्रति निष्ठा और उसमें निहित संप्रभुता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के मूल्यों को सुदृढ़ करने का संदेश दिया।