सराय ख्वाजा की छात्राओं ने किया ट्राइबल आर्ट प्रदर्शन
समाचार गेट/ओम यादव
फरीदाबाद। गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद में शिक्षा विभाग के आदेशानुसार विद्यार्थियों की रचनात्मक अभिव्यक्ति एवं भारतीय जनजातीय कला को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विद्यालय के जूनियर रेड क्रॉस एवं सेंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड अधिकारी प्रधानाचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा के मार्गदर्शन में अनेक गतिविधियाँ सफलतापूर्वक सम्पन्न हुईं। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारत की समृद्ध जनजातीय कला परंपराओं से परिचित कराना तथा उन्हें कलात्मक माध्यमों से अपनी भावनाओं, संस्कृति और सौंदर्यबोध को अभिव्यक्त करने का अवसर प्रदान करना था। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा ने बताया कि इसी क्रम में विद्यालय परिसर में ट्रायबल ऑर्ट वॉल पेंटिंग गतिविधि आयोजित की गई जिसमें विद्यार्थियों ने पारंपरिक जनजातीय कला शैली से प्रेरित भित्ति चित्र तैयार किए। इस कला कार्य में पीजीटी फाइन आर्ट गीता का विशेष सहयोग रहा। फाइन आर्ट्स के विद्यार्थियों ने रंगों, प्रतीकों और पारंपरिक आकृतियों के माध्यम से जनजातीय जीवन, प्रकृति से जुड़ाव और सांस्कृतिक सौंदर्य को प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया। प्राचार्य मनचंदा और प्राध्यापिका दीपांजलि ने बताया कि इस भित्ति चित्र को विद्यालय की छात्राओं खुशी एवं रोशनी द्वारा अत्यंत लगन, सृजनात्मकता और कलात्मक समझ के साथ तैयार किया गया जो विद्यालय परिसर को एक सांस्कृतिक पहचान प्रदान करता है। विद्यालय की पीजीटी शारीरिक शिक्षा दीपांजली शर्मा द्वारा विद्यार्थियों को गतिविधि के दौरान निरंतर प्रेरित किया गया तथा रचनात्मक सहभागिता के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस प्रकार की कला गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों में न केवल रचनात्मकता और सौंदर्यबोध विकसित हुआ बल्कि उन्हें भारतीय लोक एवं जनजातीय कला की महत्ता को समझने का भी अवसर मिला। प्रधानाचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की रचनात्मक गतिविधियाँ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं तथा उन्हें अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ती हैं। उन्होंने भविष्य में भी विद्यालय में ऐसी कला आधारित गतिविधियों के आयोजन के लिए निरंतर प्रोत्साहन देने की बात कही तथा अध्यापक साथियों दिनेश, अनिल, निखिल, संभव गर्ग, ममता, सरिता, दीपांजलि और गीता का विशेष आभार व्यक्त किया।
