कर्मचारियों की सुरक्षा और कल्याण के लिए कर्मचारी मुआवजा अधिनियम में विशेष प्रावधान

– कार्यस्थल पर दुर्घटना, अपंगता या मृत्यु पर मुआवजा का प्रावधान
-श्रमिकों की सुरक्षा और सामाजिक न्याय की दिशा में सरकार का महत्वपूर्ण कदम : उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा कर्मचारियों के अधिकारों और कल्याण को सुनिश्चित करने हेतु “कर्मचारी मुआवजा अधिनियम, 1923” के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। जिसके तहत कार्यस्थल पर दुर्घटना, अपंगता या मृत्यु की स्थिति में कर्मचारियों को उचित मुआवजा प्रदान किया जाता है।
उपायुक्त ने कहा कि यह योजना श्रमिकों की सुरक्षा और सामाजिक न्याय की दिशा में सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अधिनियम के तहत, कार्यस्थल पर दुर्घटना में घायल होने या मृत्यु की स्थिति में श्रमिकों को आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके अतिरिक्त, व्यावसायिक रोग होने पर भी श्रमिक मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना सभी औद्योगिक संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों, मोटर चालकों, ड्राइवरों, हेल्परों, मैकेनिकों, भवन निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों, मशीनों पर काम करने वाले श्रमिकों, उत्खनन कार्य करने वाले श्रमिकों, रेलवे कर्मचारियों, जहाजों की मरम्मत और लोडिंग-अनलोडिंग करने वाले कर्मचारी, प्रिंट मीडिया के कार्यरत कर्मियों आदि पर लागू होती है।
मुआवजा की श्रेणियां एवं शर्तें :-
मृत्यु होने पर मृतक कर्मचारी के मासिक वेतन का 50 गुना, श्रमिक की आयु के आधार पर, स्थायी पूर्ण अपंगता पर मासिक वेतन का 60 गुना, श्रमिक की आयु के आधार पर, आंशिक अपंगता पर: अपंगता प्रमाण-पत्र के अनुसार मुआवजे का प्रावधान है।
योजना की आवश्यक शर्तें हैं कि नियोक्ता और कर्मचारी का संबंध होना चाहिए, कार्य के दौरान मृत्यु या दुर्घटना हुई हो, कार्य के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन किया गया हो। मुआवजा प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेज कि सूची में अपंगता का प्रमाण-पत्र, मृत्यु प्रमाण-पत्र (यदि लागू हो), बैंक, आई.डी. आदि दस्तावेज शामिल हैं। श्रमिक व कर्मचारी अपने जिले में सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय या जिला स्तरीय कर्मचारी सुसंगत अधिनियम कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।