बागोत के कांवड मेले में एसपी ने खुद संभाली सुरक्षा की कमान

-मेला क्षेत्र को चार सेक्टरों में विभाजित कर किया भीड को नियंत्रित
-40 सीसीटीवी कैमरों के अलावा 208 पुलिस कर्मचारियों की रही मुस्तैदी
-पुलिस प्रशासन की स्तर्कता के चलते असामाजिक तत्वों के हौंसले हुए परास्त
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | कनीना विकास खंड के गांव बागोत स्थित ’बाघेश्वर धाम’ में बुधवार को सावन माह की त्रयोदशी के अवसर पर आयोजित विशाल कांवड मेले की सुरक्षा व्यवस्था एसपी पूजा वशिष्ठ ने स्वयं अपने हाथों में लेकर पूरे मेला क्षेत्र का बारीकी से निरीक्षण किया। नतीजतन श्रधालु इत्मीनान से कतारबद्ध होकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करते रहे वहीं मेले में किसी प्रकार की घटना-दुर्घटना भी घटित नहीं हो सकी। एसपी पूजा वशिष्ठ ने बताया कि मेले में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीएसपी दिनेश कुमार कनीना, डीएसपी सुरेश कुमार, थाना सदर इंचार्ज सज्जन वशिष्ठ, अनिल कमाडों सहित 208 पुलिस कर्मचारी दिनरात मुस्तैद रहे। उन्होंने कहा कि मेले में आपराधिक गतिविधियों व चेन स्नेचिंग आदि की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए 40 सीसीटीवी कैमरों सहित पुलिस कर्मियों ने असामाजिक तत्वों पर नजर बनाए रखी। स्वयं एसपी पूजा वशिष्ठ व डीएसपी दिनेश कुमार सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन करते रहे। जिसके चलते व्यवस्था बनाने के नाम पर महिलाओं से छेडखानी करने वाले असामाजिक तत्वों के होंसले परास्त रहे। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला क्षेत्र में बेरिकेटिंग की गई वहीं यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए सात नाके लगाकर पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की गई। पुलिस ने जलाशय के स्नानघाट पर नियंत्रण बनाए रखा। स्नान करने वालों को गहरे पानी में नहीं जाने यिा गया।
मंदिर के महंत रोशनपुरी ने बताया कि विशाल कांवड मेले में कडी सुरक्षा व्यवस्था के बीच श्रद्याालुआंें ने हजारों-हजार की संख्या में कांवड चढाई। सुबह से ही श्रधालु मंदिर में पंहुचने लगे थे। डाक कांवड का जोर रहने से शिवभक्त कतारबद्ध रहे। मंदिर में पंहुचने वाले छोटे एवं आंतरिक प्रवेश द्वारों को बंद किया गया था। मेले में ड्यूटी मैजिस्टेट तहसीलदार पायल यादव ने भी आपातकालीन सेवाओं को तत्पर रखा। एसडीएम डाॅ जितेंद्र सिंह अहलावत ने बताया कि भीड को नियंत्रित करने के लिए मेला खेत्र को चार सेक्टरों में विभाजित किया गया था। जहां बिजली व पेयजल की व्यवस्था के साथ-साथ एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड,गोताखोर एवं स्वास्थ विभाग की टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया। पुलिस व जिला प्रशासन की स्तर्कता के चलते मेले में किसी भी अप्रिय घटना के समाचार नहीं हैं। दूसरी ओर बुधवार को गांव गुढा के शिववालय के अलावा शिवमंदिर उन्हाणी, कनीना, धनौंदा, भोजावास सहित अन्य मंदिरों में शिवभक्तों की भीड रही।
बाॅक्स न्यूज
राजा दिलीप की तपस्या पर भगवान ने ली थी परीक्षा
नागेंद्र शास्त्री ने एक किवंदती के माध्यम से बताया कि प्राचीन समय में ऋषि पिप्लाद ने यहां पर तपस्या की थी। राजा दिलीप को कोई संतान नहीं थी। दुख निवारण के लिए वे अपने कुलगुरू वशिष्ठ के पास गए थे जिन्होंने पिप्लाद ऋषि के आश्रम में रहने वाली नंदिनी गाय व कपिला बछडी को उपवास रखकर जंगल में चराने को कहा था। एक दिन राजा दिलीप गाय-बछडी को चरा रहा था उस समय भगवान शिव शंकर ने उनकी परीक्षा लेनी चाही। उन्होंने बाघ का स्वरूप धारण कर बछडी पर धावा बोलना चाहा। राजा की नजर जब बाघ पर पड़ी तो अंतरमन से प्रार्थना करते हुए उन्हें बख्शीश देेने की मिन्नत की। उनका मानना था कि बाघ बछडी को खा गया तो उन पर गाय का श्राप लगेगा ओर गाय को खायेगा तो उनकी तपस्या पूरी नहीं हो सकेगी। उसके बाद इस स्थान का नाम ’बाघेश्वर धाम’ पड़ा। जहां प्रतिवर्ष सावन माह की त्रयोदशी को शिवरात्री तथा फाल्गुन माह की त्रयोदशी को महाशिवरात्री के अवसर पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। जिला प्रशासन की ओर से मेले में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं।
कनीना-बाघेश्वर धाम बागोत में प्राकृतिक स्वयंभू शिवलिंग पर जलाभिषेक करने वाले कतारबद्ध खडे शिवभक्त , एसपी पूजा वशिष्ठ मेले का बारीकी से निरीक्षण करती हुई, सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन कर मेला स्थिति का जायजा लेते डीएसपी दिनेश कुमार, जलाशय के स्नानघाट का अवलोकन करती एसपी पूजा वशिष्ठ व डीएसपी दिनेश कुमार।