जगजीत सिंह को उनकी जन्म जयंती पर गीतों द्वारा की गई श्रद्धांजलि अर्पित
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City24news/जितेन्द्र सिंह
करनाल। भारतीय संगीतकार,गायक एवं संगीतज्ञ जगजीत सिंह के जन्मदिन पर उनकी स्मृति में चाहत कराओके एकेडमी द्वारा करनाल कल्ब में एक गीतों व संगीत का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के संयोजक विनोद कुमार वर्मा रहे। चाहत कराओके ग्रुप टीम की मैनेजर किरण चड्ढा ने जगजीत सिंह के जन्म पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जगजीत सिंह का जन्म श्री गंगानगर राजस्थान में एक नामधारी सिख परिवार में हुआ था। उन्होंने 1961 में ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) के जालंधर स्टेशन पर गायन और रचना का काम करके अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की ओर बाद में उन्होंने हरियाणा में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त करने के लिए अध्ययन किया। मार्च 1965 में अपने परिवार की जानकारी के बिना जगजीत सिंह बॉम्बे चले गए जहाँ हिंदी फिल्म उद्योग की वजह से संगीत कलाकारों के लिए कई अवसर थे। उन्होंने शुरुआत में विज्ञापन जिंगल्स के गायक के रूप में काम किया और बाद में पार्श्व गायन में आगे बढ़े। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. चंद्र मेहता, वीरेंदर मल्होत्रा, हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी डॉ. अशोक कुमार वर्मा, सोनाली, सुनीता गुप्ता, प्रेम चंदर मेहता, हरप्रीत, शशी शर्मा, अशोक महेंद्रू, सुषमा महेंद्रु, रमेश अरोड़ा, डॉ राजेश सिंगला आदि पहुंचे हुए थे। कार्यक्रम में मंच संचालन चांद कश्यप, श्रवण बठला और सुमित मिगलानी द्वारा किया गया। उत्कृष्ट गायकों को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में रंजना भसीन, ध्यान, कविता राजपूत, रवि बालाजी, नरेंद्र वर्मा, अवतार सिंह,नीरु, संजीव कुमार,के पी अग्रवाल, एल एन कुमार, ओम प्रकाश धीमान यमुनानगर, सोनिया पांचाल पंचकुला, प्रदीप वर्मा बरवाला, सुशील अरोड़ा ने गीत गाकर जगजीत सिंह को स्मरण किया। कार्यक्रम में विनोद कुमार वर्मा ने तौबा ये मतवाली चाल गीत गा कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। किरण चड्ढा ने बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम, अवतार सिंह तारीख ने रफ्ता रफ्ता देखो आंख मेरी लड़ी है गीत की अपनी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के अंत में हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी/ उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने उपस्थित संगीत प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के आधुनिकता के युग में चाहत कराओके द्वारा यह कार्यक्रम बहुत ही सराहनीय है। आज युवा नशे की ओर अग्रसित है और संगीत मनुष्य को नशे से दूर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।