केंद्रीय विवि में धरनारत महिला प्रोफेसर के पक्ष में आए सामाजिक संगठन-शीघ्र समाधान न होने पर विवि के गेट पर धरना शुरू करने की दी चेतावनी

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-आदोंलन का रास्ता अपनाने की रूपरेखा की जा रही तैयार
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ के विधि विभाग की पूर्व डीन मोनिका मलिक द्वारा न्याय की मांग को लेकर अक्टूबर 2024 से शुरू किया गये अनिश्चतकालीन धरने को लेकर विवि मीडिया की सुर्खियों में है। उनका बेमियादी धरना 221 वें दिन भी जारी है। लेकिन अभी तक विवि प्रशासन की ओर से उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जा सका है। ईधर महिला प्रोफेसर द्वारा दिए जा रहे धरने के समर्थन में विभिन्न सामाजिक संगठन कूद पडे हैं। शीघ्र ही न्याय न मिलने को लेकर उनकी ओर से विवि गेट पर धरना-प्रदर्शन शुरू करने की चेतावनी दी गई है। सनातन धर्म उत्थान समिति के राष्टीय सलाहकार हेमंत कुमार शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष मंहत योगी राजेश्नाथ, हरियाणा प्रदेश कानूनी सलाहकार जितेंद्र सिंह ने झगडोली में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में कहा कि विवि प्रशासन अपने द्वारा किए गए गलत कार्यों पर पर्दा डालने के लिए महिला प्रोफेसर को बलि का बकरा बना रहा है जिसे कतह ही सहन नहीं किया जा सकता।
इसी प्रकार पूर्व सैनिक अधिकार रक्षक महासंघ के राष्टीय अध्यक्ष वैटरन राजदीप वर्मा व प्रदेश अध्यक्ष हेमंत कुमार शर्मा तथा फेडरेशन आॅफ वैटरन के राष्टीय महासचिव शीशराम यादव ने कहा कि शीघ्र ही इसका समाधान नहीं हुआ तो विवि गेट पर धरना शुरू किया जाएगा ओर आदोंलन का रास्ता अपनाया जाएगा। हेमंत कुमार शर्मा ने कहा कि महिला प्रोफेसर का कसूर केवल इतना था कि विवि में चल रहे निर्माण कार्यों में बरती जा रही अनियमितताओं तथा टीचिंग व नाॅन टीचिंग स्टाफ की भर्ती में बरती जा रही लापरवाही को वीसी के संज्ञान में लाया गया था। उन्होंने अनियमितताओं को दूर करने की बजाय उल्टा उन्हें ही सियासत का शिकार बना दिया। उनके पति डाॅ राजेश मलिक भी विवि विभाग के प्रोफेसर हैं। विवि प्रशासन ने डाॅ मोनिका मलिक की प्रमोशन को रोक दिया वहीं उन्हें नाजायज रूप से परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि विवि में दो मुख्य मांगो को लेकर वे धरने पर बैठी हैं। उनके कार्यालय से बीते समय जरूरी व कीमती समान चोरी हो गया था। जिसकी शिकायत उन्होंने विवि प्रशासन पुलिस से की थी। इसके अलावा उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन में रजिस्ट्रार का कार्यभार संभाल रहे प्रोफेसर पर उनकी पद प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचा कर धूमिल करने का आरोप लगाया है। उक्त प्रोफेसर के खिलाफ कोई भी कार्यवाही न किए जाने से उनकी भावनाएं आहत हुई हैं। उपरोक्त मागों को लेकर महिला प्रोफेसर की ओर से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया था। जो लगातार दिनरात जारी है। ईधर विवि के एक अन्य प्रोफेसर द्वारा महिला प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर माननीय उच्च न्यायलय में दलील दी गई है।
दिलचस्प बात है कि इतना सबकुछ होने के बाद विवि के पीआरओ डाॅ मोनिका मलिक को विवि की प्रोफेसर नहीं मान रहे हैं। विवि की साईट का सहारा लेकर उनके द्वारा विवि में प्रोफेसर नहीं होने की बात कही जा रही है।