स्मार्ट सिटी : अंडरपास में भरे पानी में फंसी स्कूल बस
सीवरेज के पानी से रोते बिलखते बच्चों को मशक्कत के बाद निकाला, प्रशासन चुप
स्मार्ट सड़कों से लेकर कालोनियों व डीसी दफ्तर व घर की सड़कों तक भरा पानी
City24news/कविता गौड़
फरीदाबाद। शहर को स्मार्ट सिटी की संज्ञा तो कागजों में दे दी गई, लेकिन इस स्मार्ट सिटी की पोल बरसात के दिनों में खुल जाती है। ऐसा ही बुधवार और बृहस्पतिवार को देखने को मिला। जहां ओल्ड फरीदाबाद के अंडरपास में एक नामचीन निजी स्कूल की बस सीवरेज का पानी अंदर भरने से खराब हो गई। आनन फानन में बच्चों को किसी तरह से सीवरेज व बरसाती पानी में उतारकर उन्हें दूसरी बस से भिजवाया गया, लेकिन इस दौरान प्रशासन व पुलिस का सहयोग नहीं मिला। पानी में भींग कर उतरे बच्चों के आंसू निकल आए और वह रोते बिलखते नजर आए। उनका कहना था कि आज तक वह इतने गंदे पानी में से होकर नहीं निकले। वहीं उनका कहना था कि पानी से आ रही दुर्गंध से उन्हें बस के भीतर सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी।
खस्ता हालत में अंडरपास: जिले में तीन अंडरपास बने हुए है, जिसमें एनएचपीसी, ओल्ड फरीदाबाद और ग्रीनफिल्ड का अंडरपास शामिल है। शहर को कागजों में एफएमडीए, हुडा, स्मार्ट सिटी प्राइवेट लिमिटेड और नगर निगम ने शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिलवा हुआ है। अंडरपास में पानी भरने की समस्या आए होती रहती है। लेकिन शहर के अंडरपास की हालतों में सुधार नहीं किया गया। इन अंडरपास में रिपेयरिंग का कार्य समय-समय पर नहीं किया जाता है। ऐसे में स्मार्ट सिटी के यह अंडरपास अब जानलेवा साबित हो रहे हैं।
बरसात में होती है आफत: अंडरपास से आवागमन करने वालों ने बताया कि जिले में मौजूद अंडरपास की हालत काफी खस्ता हो चुकी है। बृहस्पतिवार को ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडरपास में एक निजी स्कूल की बस खराब हुई है। वहां की हालत पिछले करीब दस सालों से खस्ता है। यहां सीवरेज ओवरफ्लों की समस्या पिछले दस साल से है। वहीं ओल्ड फरीदाबाद और ग्रीनफिल्ड स्थित अंडरपास में तो बरसाती पानी भरते ही वाहन चालकों का निकलना भी दुर्भर हो जाता है। यहां से पैदल तो क्या बड़े वाहन चालक भी डुबते नजर आते हैं।
वाहनों की बुकिंग कैंसिल: बरसात में सड़कों पर पानी भरने के कारण ऑनलाईन वाहनों की बुकिंग पूरे दिन असेप्ट होने के बाद कैंसिल होती नजर आई। आटो चालकों ने जलभराव वाले स्थानों पर जाने से इंकार कर दिया। जिससे स्कूल और कॉलेज विद्यार्थियों को परेशानी हुई। वहीं ओला, रैपिड़ों पर कैब व आॅटो की बुकिंग होने के कुछ देर बाद कैंसल होती रही। स्कूली बच्चों से लेकर शाम को घर लौटने वाले नौकरीपेशा लोगों को परिवहन का साधन नहीं मिला। उन्हें बरसात में भींगते हुए जाना पड़ा। जिससे नौकरीपेशा व दोपहर को अवकाश के बाद स्कूली बच्चे आटो व कैब के लिए परेशान रहे।
पानी में जाना मजबूरी: शहर में मौजूद ऐसा कोई विधानसभा इलाका नहीं था, जहां पानी न भरा हो। पहले जिन सड़कों पर पानी भरता नहीं था, वहां भी अब बरसात का पानी भरा हुआ मिला। नेशनल हाईवें हो, बस स्टेंड, रेलवे स्टेशन हो या फिर कालोनियों और सेक्टरों में पानी अधिक भरने के कारण वहां आटो चालकों ने जाने से साफ इंकार कर दिया। एक व्यक्ति ने बताया कि उसने छह बार ओला कैब की बुकिंग की, पांच किलोमीटर तक जाने के लिए वह 250 रुपये देने तक तैयार था, लेकिन ओला कैब चालकों ने बुकिंग के कुछ देर बाद ही कैंसल कर दी। वहीं आॅटो बुकिंग करने पर वह भी कैंसिल हो गया। स्कूल से घर लौट रहे दो बच्चों ने बताया कि वह डबुआ जा रहे है, लेकिन हार्डवेयर से उन्हें डबुआ का आटो नहीं मिल रहा है।