बागोत के मोहित सुसाइड केस में हुआ एसआइटी का गठन
-जांच में शामिल होने के लिए कैलाशचंद को एसपी ने भेजा पत्र
-49 दिन से मोर्चरी में रखे शव का दाह संस्कार होने की बनी उम्मीद
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | कनीना सब डिवीजन के गांव बाागोत निवासी मोहित सुसाइड केस में हरियाणा के पुलिस महानिदेशक चंडीगढ की ओर से एसआईटी का गठन किया गया है। जो कैलाशचंद द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट में दाखिल की गई अर्जी में लगाए गए आरोपों की जांच करेगी। इस संदर्भ में एसपी नारनौल की ओर से कैलाश चंद को पत्र जारी कर जांच में शामिल होने तथा आरोपों के संदर्भ में साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा गया है। एसपी नारनौल की ओर से 29 जनवरी को जारी किए गए पत्र क्रमांक 392-आरएसपी के माध्यम से उच्च न्यायालय पंजाब एवं हरियाणा में दाखिल सीआरएम-एम 2017-2025 एवं डीडीआर नम्बर 16 दिनांक 14 दिसंबर 2024, बीएनएस की धारा 194 के संदर्भ में वादी कैलाशचंद को जांच में शामिल होने का कहा गया है। डीजीपी द्वारा गठित की गई एसआईटी के सामने पेश होकर कैलाशचंद मामले से जुडे सबूतों तथा गवाहों की सूचि उपलब्ध करवा सकता है।
एसआईटी के गठन के बाद प्रबुधजनों में मोहित के दाह संस्कार होने की उम्मीद जागृत हुई है। जिसका शव पिछले 49 दिन से उप नागरिक अस्पताल कनीना के फ्रीजर में रखा हुआ है। हालांकि मामला हाइकोर्ट में विचाराधीन होने के बाद वादी एंव प्रतिवादी पक्ष को हाईकोर्ट के आदेश का पल-पल इंतजार बना हुआ है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक अगली कार्रवाई अमल में लायी जानी है। मृतक के पिता कैलाशचंद ने इस बारे में 14 जनवरी को पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी डाली गई थी। जिस पर 16 जनवरी को सुनवाई करते हुए न्यायधीश हरप्रीत सिह बरार ने कैलाशचंद को फांसी लगाकर मरे युवक मोहित, 26 वर्ष का 3 दिन में अंतिम संस्कार करने, अर्जी में लगाए गए आरोपों की जांच आईपीएस अधिकारी से करवाने तथा मृतक के पिता को भी शामिल तफ्तीश होेने के भी आदेश दिए थे। लेकिन कैलाशचंद पूर्व मंत्री सहित आठ व्यक्त्यिों के विरूध एफआईआर करने की एकसूत्री मांग पर अडा हुआ है।
पडतल गांव के सरपंच रोशनलाल इंदोरा ने वकील के माध्यम से जनहित एवं मानव अधिकारों को देखते हुए एक दरखास्त एचएचआरसी, हरियाणा ह्यूमन राईट कमीशन चंडीगढ में दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने बागोत निवासी मोहित का शव कनीना अस्पताल के मोर्चरी में रखा होने तथा उसमें संक्रमण पनपने की बात कही गई थी। शव का निश्चित समय पर ससम्मान अंतिम संस्कार करवाने की दलील दी गई थी। जिसकी 20 जनवरी को सुनवाई की थी। जिसमें एसडीएम जितेंद्र सिंह अहलावत व डीएसपी दिनेश कुमार उपस्थित हुए ओर मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने का हवाला देकर जवाबदावा दाखिल किया था। सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उनकी ओर से आगामी 3 फरवरी को पुनः सुनवाई निश्चित की गई है।
अधिकारियों की ओर इस मामले में हाईकोर्ट में जवाबी एप्लीकेशन दाखिल की गई थी। जिस पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। अब दोनों पक्ष हाईकोर्ट के आदेश आने की आस लगाए बैठे थे। इस बीच एसआईटी का गठन होने से मामले का बहुत हद तक पटाक्षेप होने की उम्मीद बन गई है।
एसडीएम डाॅ जितेंद्र सिंह अहलावत ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक कार्य किया जायेगा। कैलाशचंद ने हाइकोर्ट में अर्जी दाखिल थी जिसमें लगाए गए आरोपों की जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से करवाने को कहा गया है।
थाना इंचार्ज निरीक्षक मुकेश कुमार ने बताया कि एसआईटी का गठन किया गया है। जिसमें वादी कैलाशचंद को नोटिस देकर मामले से जुडे तमाम सबूत एवं गवाह की सूचि उपलब्ध करवाने को कहा गया है। जिससे जांच पूरी हो सके।
हाईकोर्ट के एडवाकेट सत्यारायण यादव ने बताया कि डीजीपी की ओर से एसआईटी, स्पेशल इंक्वायरी टीम का गठन किया गया है। जिसका नेतृत्व एसपी नारनौल करेगीं। एसआईटी में एचपीएस सहित तीन अन्य अधिकारियों को शामिल किया गया है।