विकसित भारत एट 2047 में युवाओं की भूमिका पर गोष्ठी आयेाजित 

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जर्नल वी.के. चतुर्वेदी व प्रो. एच.एन. शर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में किया संबोधित

सिटी 24 न्यूज/ अशोक कौशिक 
नारनौल। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ में सोमवार को विकसित भारत एट 2047:युवाओं की भूमिका विषय पर केंद्रित एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सेवानिवृत्त जर्नल वी.के. चतुर्वेदी व प्रो. एच.एन. शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति व आयोजन के मुख्य संरक्षक प्रो. टंकेश्वर कुमार  उपस्थित रहे। 

विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में युवाओं की भूमिका को महत्त्वपूर्ण बताते हुए कहा कि विकसित और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए युवाओं को सही दिशा में आगे बढ़ना होगा।

आयोजन में मुख्य वक्ता सेवानिवृत्त जर्नल वी.के. चतुर्वेदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत वीरों की धरती है और युवा राष्ट्र है। युवा शक्ति अपनी सकारात्मक ऊर्जा द्वारा भारत को समृद्धि के रास्ते पर अग्रसर कर सकता है । उन्होंने कहा कि आगामी समय अमृतकाल का समय है जिसमे युवाओं का समर्पण बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद और सुभाषचंद्र बोस का उदाहरण देते हुए कहा कि लोग आज भी आंकलन करते है की स्वामीजी के शब्दों का क्या मतलब था और सुभाषचंद्र बोस के शोर्य और पराक्रम ने किस प्रकार युवा पीढ़ी का मार्गदर्शन किया। जब तक जन जन साथ नहीं होगा देश का विकास नहीं होगा। आधुनिकता और परंपरा पर उन्होंने कहा कि वस्त्र और भाषा नहीं अपितु मस्तिष्क की आधुनिकता होती है । हमारी परंपरा ही हमारी पहचान है, हमारा खान पान , रहन सहन सब अपना है और इस पर गर्व होना चाहिए। यदि हम अपनी परंपरा पर गर्व करेंगे तो विश्व हम पर गर्व करेगा।  

आयोजन में दूसरे मुख्य वक्ता प्रो. एच.एन. शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि 1947 में जो भारत था और 2047 का भारत क्या होगा यह हम सब करके दिखाएंगे। 2047 में जाने के लिए गांवों से जुड़ना पड़ेगा , अपने माता पिता से सीखो , अपने सभ्यता , धर्म के प्रति जागृत होना पड़ेगा। गांवों की तरक्की से ही भारत की तरक्की है । मन में ठान लो , जहां जाओ पूरी तैयारी के साथ जाओ । मन में प्रण करने से ही राह बनती है । उन्होंने कहा कि मै हूं और वही भारत है और जब ये विचार आज के युवा वर्ग में आ जायेगा तभी देश उन्नति और विकास के मार्ग पर अग्रसर हो सकेगा। इसके साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय और शिक्षकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस स्थान पर यह विश्विद्यालय है वह स्थान उत्तम है, यहां हर राज्य से विद्यार्थी है जो खुद में एक लघु भारत है। इसके साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय के लिए चंद्रशेखर अवार्ड की घोषणा की जो यूनिवर्सिटी के उत्कृष्ट विद्यार्थी को दिया जाएगा। इससे पूर्व में विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. आनंद शर्मा ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मुख्य वक्ताओं का स्वागत करते हुए उनका परिचय प्रस्तुत किया। आयोजन में मंच का संचालन और आयोजन डॉ नीरज कर्ण सिंह ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर आनंद शर्मा ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की विभिन्न पीठों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।

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