नूंह में विचार संगोष्ठी का आयोजन
शहीद हसन खां मेवाती विचार मंच की ओर से नूंह में विचार संगोष्ठी का आयोजन
city24news@अनिल मोहनियां
नूंह | वतनपरस्त राजा हसन खां मेवाती विचार मंच की ओर से रविवार को नूंह में विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक मुकेश वशिष्ठ ने सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत आज जिले के हजारों किसानों को लाभ मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार जिले विकास को लेकर काफी गंभीर है। हसन खां मेवाती जिनकी मृत्यु 17 मार्च, 1527 को हुई, वे मेवात क्षेत्र से संबंधित थे। उनके वंशजों ने लगभग 200 वर्षों तक मेवात राज्य पर शासन किया था। मेवात के अंतिम शासक हसन खान मेवाती थे। बाद में मेवात को मुगल साम्राज्य में मिला लिया गया और खानजादा मुगल कुलीन वर्ग का हिस्सा बन गए। मौलाना दाऊद कासमी ने शहीद हसन खां मेवाती की जिंदगी पर रोशनी डालते हुए कहा कि उन्होंने धर्म, जाति-पाति से ऊपर उठकर देश हित में अपना बलिदान दिया था, लेकिन गुलामी को पसंद नहीं किया। उन्होंने मेवात के स्वर्णिम इतिहास पर बातचीत करते हुए कहा कि मेवात पावन धरा कभी बुझदिलों को जन्म नहीं दिया करती है। मेवात तो वह पावन धरा है जिसने अंग्रेजों को कटीली बाड़ पर चलने के लिए मजबूर कर दिया था। असलम गोरवाल ने कहा कि उन्होंने सरकार से मांग की है कि जिला नूंह में जल्द ही शहीद हसन खां मेवाती की प्रतीमा लगाई जाए। उन्होंने लोगों से कहा है कि लोग आगे आकर अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाए। हबीब ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल के बारे में कहा कि जिसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नहीं देखा है तो आज मनोहर लाल को देख लें।
अशरफ मेवाती ने मेवात के गौरवमयी इतिहास पर अपनी नज़्म “है उल्फत इस जमीं से हमने दिल में ये बसाई है, वफादारी वतन से हमने हर लम्हा निभाई है। हमारी क़ौम की सुन दास्ताँ ख़ुद दाद दोगे तुम,फिरंगी फौज मेवों ने ही कांटों पर चलाई है” पेश कर लोगों को ताली बजाने पर मज़बूर कर दिया। जिला पार्षद एवं सक्रिय समाजसेवी मोहम्मद उमर पाड़ला ने कहा कि हसन खां मेवाती किसी एक गोत्र व जाति का प्रतिनिधित्व नहीं करते थे, बल्कि वे एक राष्ट्रीय गौरव हैं और उन्होंने अपना बलिदान देकर यह साबित किया कि भारतीय मुस्लिम सच्चे देशभक्त हैं।