आत्मरक्षा प्रशिक्षण एक जीवन कौशल है: डॉ पूर्ण प्रभा
City24news@अशोक कौशिक
नारनौल। राजकीय महाविद्यालय नारनौल में महिला प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित किए जा रहे 10 दिवसीय आत्मरक्षा एवं ताइक्वांडो प्रशिक्षण कैंप के आठवें दिन प्राचार्या डा पूर्ण प्रभा की अध्यक्षता में छात्राओं को योग और मार्शल आर्ट ताइक्वांडो का प्रशिक्षण दिया गया।
प्राचार्य डॉ पूर्ण प्रभा ने कहा कि महिलाए सशक्त होंगी तो समाज मज़बूत होगा। योग और ताइक्वांडो से महिला सुरक्षा मजबूत होंगी। महाविद्यालय महिला सशक्तिकरण पर हमेशा अग्रणी भूमिका निभा रहा है। साथ ही साथ आत्मरक्षात्मक प्रशिक्षण के माध्यम से बालिकाओं को संकट के समय अपनी रक्षा के लिए मनोवैज्ञानिक, बौद्धिक एवं शारीरिक रूप से मजबूत बनना सिखाया जाता है।
देश में लड़कियों के खिलाफ अपराधों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूल-कॉलेज में उन्हें आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करना महत्वपूर्ण है। आत्मरक्षा प्रशिक्षण एक जीवन कौशल है जो लड़कियों को अपने परिवेश के बारे में अधिक जागरूक होने और किसी भी समय अप्रत्याशित के लिए तैयार रहने में मदद करता है। आत्मरक्षा प्रशिक्षण के माध्यम से, लड़कियों को संकट के समय अपनी रक्षा करने के लिए मनोवैज्ञानिक, बौद्धिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनना सिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि आत्मरक्षात्मक प्रशिक्षण तकनीकें लड़कियों में आत्मविश्वास पैदा करती हैं। लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने में मदद करती हैं। प्रशिक्षण की शुरुआत योग अभ्यास से की गई।
इस दौरान मनोहर लाल ताइक्वांडो कोच द्वारा 200 से अधिक छात्राओं को आत्मरक्षा के नए-नए प्रशिक्षण सिखाए गए। हर परिस्थितियों में अपनी सुरक्षा करने आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया गया।
महिला प्रकोष्ठ अधिकारी डॉ पलक द्वारा छात्राओं को आत्मरक्षा एवं महिलाओं के उत्थान को लेकर सरकार द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम के बारे में अवगत कराया गया। इस योग और मार्शल आर्ट से बालिकाओं में आत्मविश्वास पैदा करने, उनको अपने परिवेश के बारे में जागरूक होने एवं किसी भी अप्रत्याशित घटना के बचाव के लिए तैयार रहने में मदद करता है।
इस अवसर पर डॉ गीता रानी, डॉ मनप्रीत, डॉ संजीता ,डॉ कविता, कीर्ति शर्मा, सोमलता सैनी व डॉ सुमन यादव उपस्थित रहे।