स्कूल वाहनों की नियमित चेकिंग की जाए- एसडीएम जितेंद्र गर्ग

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एसडीएम ने सुरक्षित स्कूल वाहन पालिसी के तहत स्कूल संचालकों को दिए निर्देश।
City24news/अनिल मोहनिया 
नूंह | एसडीएम तावड़ू जितेंद्र गर्ग ने सुरक्षित स्कूल वाहन पालिसी के तहत शुक्रवार को 6 स्कूलों की चैकिंग की गई। साथ ही सभी प्राईवेट स्कूल संचालकों को निर्देश दिए कि सभी समय रहते बसों की कमियों को दूर कर ले। अगर किसी स्तर पर कमी मिलती है तो इन वाहनों से चालान किए जाएंगे।  

   एसडीएम ने कहा कि सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के अंतर्गत सभी आवश्यक हिदायतों को लेकर जीरो टॉलरेंस के तहत अनुपालना सुनिश्चित होनी चाहिए। उपमंडल स्तरीय कमेटी सक्रिय रूप से कार्य करे। कमेटी में शामिल सदस्य इस वाहन पॉलिसी के तहत स्कूलों का निरीक्षण करना सुनिश्चित करें तथा सभी जरूरी नियमों अनुपालना सुनिश्चित करवाएं। उन्होंने बताया कि सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत, स्कूलों की बसों में सुरक्षा के लिए कई नियम बनाए गए हैं। इन नियमों के तहत स्कूल वाहनों में प्राथमिक उपचार किट, अग्निशमन यंत्र, सीसीटीवी कैमरा, जीपीएस सिस्टम व रूट चार्ट होने चाहिए। इसी प्रकार बस में सिटिंग से ज़्यादा बच्चे नहीं बैठने चाहिए। एक अटैंडेंट व गल्र्स चाइल्ड होने पर महिला अटैंडेंट जरूर होनी चाहिए। बस में स्पीड नियंत्रक, सीट बेल्ट होनी चाहिए। बस पर स्कूल प्रशासन या मालिक का नंबर, पुलिस कंट्रोल नंबर, चाइल्ड हेल्पलाइन का नंबर लिखे होने चाहिए। गाड़ी व टायर की कंडीशन अच्छी होनी चाहिए। हैड व बैक लाइट व होर्न वर्किंग में हो। वाहन का पंजीकरण, बीमा, प्रदूषण, फिटनेस व परमिट सर्टिफिकेट जरूर होने चाहिएं। बस ड्राइवर के पास बस चलाने का कम से कम 5 साल का अनुभव होना चाहिए। बस ड्राइवर को नशे की हालत में या किसी नशीले पदार्थ के प्रभाव में वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। स्कूल प्रबंधन को समय-समय पर ड्राइवर/कंडक्टर/अटेंडेंट के आचरण के बारे में फीडबैक लेना चाहिए। स्कूल प्रबंधन को नियमित जांच करनी चाहिए। स्कूल प्रबंधन को किसी भी संदेह के मामले में ड्राइवरों का तुरंत मेडिकल टेस्ट करवाना चाहिए। वाहन के बाहर स्कूल वाहन जरूर लिखा होना चाहिए। 

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