साहिल चौधरी का इंडियन एयर फ़ोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर के तौर पर हुआ चयन

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City24news@हरिओम भारद्वाज
होडल | गढ़ी पट्टी निवासी साहिल चौधरी का चयन इंडियन एयर फ़ोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर (फाइटर पायलेट) के तौर पर हुआ है जिसके बाद साहिल चौधरी का गाँव में रोड शो कर फूल मालाओं के साथ जोरयूनिवर्सिटी किया उन्होंने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने परिवार को दिया साथ है दूसरे स्टूडेंट्स को नसीहत भी दी ताकि वो भी अपने जीवन में सफल हो सकें आपको बता दे की गढ़ी पट्टी में से 160 आर्मी में जवान देश की सेवा में है और करीब 60 आर्मी रिटायर्ड अधिकारी है और गढ़ी पट्टी से कारगील युद्ध में राजबीर ने अपनी शहादत दी थी साहिल ने सबसे पहले शाहिद राजवीर की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए
होडल के गाँव गढ़ी में डीजे की धुन के साथ दिखाई दे रहा ये नजारा एयर फ़ोर्स में चयनित हुए 24 वर्षीय फाइटर पायलेट फ़्लाइंग ऑफिसर साहिल चौधरी के स्वागत समारोह का है गाँव वालों ने शहीद राजवीर के स्मारक स्थल से लेकर साहिल चौधरी के घर तक करीब 2 किलोमीटर रोड शो किया जगह- जगह गांव के लाडले साहिल चौधरी का फूल माला डालकर स्वागत किया क्योंकि साहिल की उपलब्धि की खुशी एक परिवार की न होकर पूरे गाँव को थी तभी तो महिलाओं ने भी उनका गांव में पहुंचने पर फूल माला डालकर स्वगात किया जैसे है साहिल अपने घर पहुँचे तो उनके दादा खड़क सिंह और रिश्तेदार मुकेश चौहान ने नोटों की माला पहनाकर उन्हें उपहार दिया. सम्मान समारोह में पहुँचे हर किसी व्यक्ति ने साहिल को बढ़ाई और शुभकामनायें दी साहिल के परिवार में माता -पिता दादा -दादी और बहन के चहरे पर खुशी का नूर अपने आप दिख रहा था क्योंकि अब उनके परिवार का सदस्य एयर फ़ोर्स में ऑफिसर जो बन गया है आपको बता दें की साहिल चौधरी ने 12 वीं की पढ़ाई आर्मी स्कूल दिल्ली के धोला कुआँ से की थी और बीटेक की पढ़ाई अमेठी यूनिवर्सिटी से की है और अब एयरफ़ोर्स की परीक्षा पास कर इंटरव्यू के बाद वो एयर फ़ोर्स में फाइटर पायलेट फ़्लाइंग ऑफिसर बने हैं साहिल ने बताया की उन्हें बड़ी ख़ुशी हो रही है गाँव के लोगों ने बड़ा लाड प्यार उन्हें दिया है उन्होंने इस उपलब्धि के लिए हर तरह की तैयारी की थी उन्होंने दूसरे स्टूडेंट को नसीहत देते हुए कहा की शुरुआत में कठिनाई सभी को आती हैं परन्तु हिम्मत नहीं हारनी चाहिए अपना ध्यान अपने लक्ष्य पर रखो लगातार अपने सपने को देखते हुए मेहनत करो तभी सफलता मिलेगी
उनके पिता रामावतार आर्मी में सूबेदार हैं उन्होने बताया की जो सपना उन्होंने साहिल के लिए देखा था उससे भी बड़ा सपना उन्होंने पूरा किया है पूरे गाँव में रिश्तेदारों में ख़ुशी का माहौल है उन्हें साहिल पर गर्व है दूसरे पेरेंट्स को भी अपने बच्चों को मोटीवेट करते रहना चाहिए तभी वो मुकाम हासिल कर सकते है वहीं साहिल की माता सुशीला देवी ने भी अपने बेटे की उपलब्धि पर ख़ुशी व्यक्त करते हुए कहा की आज उन्हें गर्व महसूस हो रहा है 10 साल की मेहनत के बाद ये मौका आया है उनके पिता तो ड्यूटी पर रहते थे उन्होंने पीछे से बच्चों का ध्यान रखा जिसके बाद ये शुभ घड़ी आई है उनकी बेटी भी upsc की पढ़ाई कर रही है और आइएएस बनान चाहती है