ग्रामीण विकास मंत्रालय ने फाइनेंशियल इन्क्लूजन लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर
City24news@अन्तराम महलोनीया
नई दिल्ली | ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भारत फाइनेंशियल इन्क्लूजन लिमिटेड के साथ एक गैर-वित्तीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। यह समझौता ज्ञापन डीएवाई-एनआरएलएम के आजीविका हस्तक्षेप का समर्थन करने के लिए पशुधन और मत्स्य विकास में उनकी गतिविधियों को समन्वयित करने के लिए है। समझौता ज्ञापन पर ग्रामीण विकास मंत्रालय के अपर सचिव श्री चरणजीत सिंह और कार्यकारी उपाध्यक्ष जे श्रीधरन ने नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती स्मृति शरण, उप सचिव सुश्री निवेदिता प्रसाद, उप निदेशक रमन वाधवा और राष्ट्रीय मिशन प्रबंधक डॉ. विवेक कुंज, बीएफआईएल के चीफ पीपुल ऑफिसर किशोर संबाशिवम, मुख्य प्रबंधक डॉ. प्रेम नाथ सिंह और असद अहमद भी उपस्थित थे।
चरणजीत सिंह ने कहा कि पशुधन आय वृद्धि के साथ-साथ परिवारों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने की कुंजी है। उन्होंने बल देते हुए कहा कि हमें स्पष्ट आउटपुट के साथ परिपूर्ण दृष्टिकोण पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीएफआईएल पहले से ही पशुधन क्षेत्र में अधिकांश लाभार्थियों के साथ जेएलजी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में महिलाओं के साथ काम कर रहा है, इसलिए इसे औपचारिक रूप देने के लिए रास्ते तलाशे जाने चाहिए।
समझौता ज्ञापन के हिस्से के रूप में प्रारंभिक चरण में राष्ट्रीय स्तर पर डीएवाई-एनआरएलएम का समर्थन करने के लिए एक केंद्रीकृत परियोजना निगरानी इकाई (पीएमयू) की स्थापना की जाएगी और महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और बिहार में राज्य परियोजना निगरानी इकाई विकसित की जाएगी। पीएमयू में पशुधन (संबंधित राज्य में आवश्यकता के अनुसार), मार्केट लिंकेज आदि के विशेषज्ञ शामिल होंगे। बीएफआईएल पशुओं को बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल सहायता के लिए डीएवाई-एनआरएलएम के तहत विकसित पशु सखियों व पशु पालकों को भी मजबूत करेगा।
हस्तक्षेप का अन्य क्षेत्र पशुधन क्लस्टर सुविधा, आईटी सक्षम इकोसिस्टम विकसित करना और डीएवाई-एनआरएलएम के स्वयं सहायता समूह परिवारों को पशु चिकित्सा देखभाल और सुविधा सहायता प्रदान करना होगा।