राजनीति में धर्म का अंकुश होना चाहिए धर्म में राजनीति नहीं
City24news@संजय राघव
सोहना | असम के पूर्व राज्यपाल प्रोफेसर जगदीश मुखी एक तरफ स्नातन का प्रचार हो रहा है धार्मिक कार्यक्रम चल रहे हैं दूसरी तरफ देश के अंदर लोकसभा का चुनाव चल रहा है ।राजनीति और धर्म साथ चल रही है इस पर चर्चा भी चल रही है इस विषय पर मैं यही कहूंगा राजनीति मैं धर्म का अंकुश जरूर होना चाहिए लेकिन धर्म में राजनीति नहीं होनी चाहिए ।देश की तरक्की में सनातन धर्म का अहम योगदान है। जो सबसे पुराना धर्म है। सनातनी होना गौरव की बात है। असम के पूर्व राज्यपाल प्रोफेसर जगदीश मुखी ने कस्बे में आयोजित सनातन धर्म सम्मेलन व सामूहिक विवाह समारोह में उपस्थित थे।। इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक संस्थाओं को आगे आकर समय समय पर ऐसे आयोजन करते रहने चाहिए। ताकि लोगों को अपने धर्म की जानकारी हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि भारत देश सनातन धर्म को प्राथमिकता देकर उन्नति कर रहा है। जिसकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। सड़कों का जाल बिछने से आवागमन आसान हो गया है।
सोहना कस्बे की पंजाबी धर्मशाला में तीन दिवसीय 51 वां वार्षिक धर्म सम्मेलन का समापन हो गया है। उक्त सम्मेलन श्री सनातन धर्म सभा के तत्वावधान में आयोजित किया गया था। जिसमें संत महात्माओं ने पहुँचकर अपनी वाणी से धर्म की चर्चा की थी। आयोजकों ने पटका पहनाकर उनका स्वागत किया। तीन दिनों तक चले सम्मेलन में राम कथा का भी आयोजन किया था। जिसको सुनने के लिए लोग बेताब रहते थे। समापन के समय महामंडलेश्वर स्वामी धर्म देव ने पहुँचकर श्रोताओं में अपने ओजस्वी वक्तव्य से जोश भर डाला था। सभा द्वारा विशाल भण्डारा भी आयोजित किया था। जिसमें काफी संख्या में लोगों ने पहुँचकर प्रशाद ग्रहण किया। सभा द्वारा अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया था।
पाँच बंधे परिणय सूत्र में
सनातन धर्म सभा द्वारा 5 निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह भी आयोजित किया था। राम मंदिर से पंजाबी धर्मशाला तक दूल्हों की बारात निकाली गई। बाराती बैंड की धुन पर जमकर थिरके। धर्मशाला में पहुंचने पर वर वधु ने एक दूसरे को वर माला पहनाई। विद्वान पंडितों द्वारा फेरे की रस्म करा कर शादियां सम्पन्न कराई गई। इस अवसर पर सभा द्वारा नव दम्पतियों को घरेलू सामान भी दिया गया था। अतिथियों ने सभी वर वधु को अपना आशीर्वाद दिया।