हृदय दोष दूर करने के लिए वरदान है आरबीएसके : डा. रामेश्वरी 

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City24news@सचिन भारद्वाज

होडल | राष्टीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तत्वावधान में सिविल सर्जन डा. नरेश कुमार गर्ग के दिशा निर्देशन व डिप्टी सिविल सर्जन डा. रामेश्वरी के मार्गदर्शन में राधा आंगनबाड़ी केंद्र नजदीक किशन हॉस्पिटल होडल में शिविर लगाया गया। शिविर में 6 वर्ष तक के 63 बच्चों के स्वास्थ्य की जांच व स्क्रीनिंग की गई। शिविर में अनीमिया मुक्त भारत के तहत 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों के हीमोग्लोबिन की भी जांच की गई तथा आयरन फोलिक एसिड के सिरप व अन्य दवाइयां वितरित की गई। शिविर में दो बच्चे जन्मजात हृदय दोष से ग्रस्त पाए गए जिन्हें डीईआईसी पलवल में रेफर किया गया।

 डिप्टी सिविल सर्जन डा. रामेश्वरी ने बताया कि जन्मजात हृदय दोष दिल का ऐसा जन्म जात रोग है जिसमें बच्चों के दिल के अंदर छेद होता है। उन्होंने बताया कि आरबीएसके जन्मजात हृदय रोगों के लिए वरदान है। जन्मजात हृदय दोष से ग्रस्त बच्चों को पहचानने के लिए स्टेथोस्कोप के द्वारा आस्कल्टेशन से छाती पर मर-मर (बड़बडाहट) की आवाज सुनाई देना, होंठों पर नीलापन, हृदय फेलियर के लक्षण, छोटे बच्चों में स्तनपान के दौरान पसीना आना, लगातार सांस लेने में दिक्कत होना, वजन कम होना, कसरत करने में सांस फूलना व सहन न कर पाना, जल्दी थक जाना या दोनों पैरों में सूजन होना पाया जाता है। आयुष मेडिकल ऑफिसर डा. रूप ने बच्चों व उनके अभिभावकों को आयरन युक्त भोजन, हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल खाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि 6 माह तक के बच्चों को केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए।

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