नगीना में खोला जाएं सार्वजनिक पुस्तकालय
पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा के उपरांत भी नगीना में नहीं खोला गया पुस्तकालय
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह |जीवन में पुस्तकों का अपना विशेष महत्व है पुस्तकों के ज्ञान के बिना जीवन अधूरा है इस लिए प्रत्येक व्यक्ति को पुस्तकों का अध्ययन कर ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। कस्बा नगीना में लगभग बीस हजार की आबादी होने के पश्चात कोई सार्वजनिक पुस्तकालय ना होने की वजह से जनता मन मसोसकर रह जाती है। नगीना में सार्वजनिक पुस्तकालय खोलने की मांग कई दशकों से होती आ रही है अब ये मांग एक बार फिर पकड़ने लगी है।
समाजसेवी राधिका जैन ने बताया की पुस्तकों व पौराणिक ग्रंथों का जीवन में अत्यंत महत्व आज भी है। इनके बिना जीवन अधूरा है। शोधकर्ता जो शोध कर रहे उनमें से अधिकांश शोध पुराने ग्रंथों पर ही आधारित है । दैनिक जीवन में भी इनका महत्व बढ़ जाता और युवा पीढ़ी व बुजुर्ग एक जगह बैठ कर अपने ज्ञान व अनुभवों को सांझा कर प्रचार प्रसार करने का एक उपयुक्त स्थान मिल जाता। सर्व जातीय सेवा समिति के उपाध्यक्ष व समाजसेवी रजत जैन ने बताया की आज का समय बेशक हाईटेक हो गया हो।लेकिन जीवन ने मुख्य आधार पुस्तकों से ही जुड़ा है जिसके अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता।क्योंकि हाईटेक पद्धति कितनी भी बढ़ गई हो लेकिन इसका आधार भी पुस्तकों पर ही निर्भर है अगर नगीना में सार्वजनिक पुस्तकालय खुल जाए तो इसका युवा पीढ़ी को दूरगामी लाभ तो मिलेगा ही साथ ही बुजुर्गों के अनुभवो के लाभ के साथ अपनी प्राचीन सभ्यता व संस्कृति की जानकारी प्राप्त होगी। जो आपसी प्रेम व भाईचारे को भी मजबूती प्रदान करेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा को नहीं पहनाया जा सका आमलीजाम:- रजत जैन ने बताया की प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने महु चोपड़ा में हुई 2021 की विकास रैली में नगीना में पुस्तकालय खोलने की घोषणा की थी लेकिन लगभग ढाई वर्ष का समय व्यतीत हो जाने के उपरांत भी उनकी घोषणा को अमली जामा पहनाने में प्रशासन असफल साबित हो रहा है ।सरकार को पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा का व जनहीत को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही नगीना में पुस्तकालय खुलवाना चाहिए।