नूंह में अस्पतालों के 200 मीटर दायरे में किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन पर प्रतिबंध :- डीसी अखिल पिलानी
City24News/अनिल मोहनिया
नूंह | उपायुक्त एवं जिलाधीश अखिल पिलानी ने जिला नूंह में स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतरता और मरीजों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए भारतीय नागरिका सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 की धारा 163 के तहत महत्वपूर्ण प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। यह निर्णय जिला में चिकित्सा एवं पैरामेडिकल स्टाफ की चल रही हड़ताल और उसके कारण उत्पन्न होने वाली संभावित परिस्थितियों को देखते हुए लिया गया है।
उपायुक्त ने बताया कि हड़ताल के चलते अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी और अन्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के आसपास भीड़ जमा होना, नारेबाजी, धरना, रास्ता अवरुद्ध करने जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं। ऐसी गतिविधियाँ आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं में बाधा डाल सकती हैं, मरीजों की देखभाल को प्रभावित कर सकती हैं और सार्वजनिक व्यवस्था को भी प्रभावित कर सकती हैं। इसीलिए अस्पतालों के आसपास पूरी तरह शांतिपूर्ण और अवरोध-मुक्त वातावरण बनाए रखना अनिवार्य है।
स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक, हरियाणा द्वारा 07 दिसंबर को जारी निर्देशों के बाद जिले में सभी प्रमुख स्वास्थ्य सेवाओं को बिना किसी व्यवधान के जारी रखने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नूंह को निर्देश दिए गए हैं कि जिले की सभी महत्वपूर्ण सेवाएँ—जैसे ओपीडी, आईपीडी, इमरजेंसी, लेबर रूम, पोस्टमार्टम, एमएलसी, गंभीर सर्जरी एवं डायग्नोस्टिक सेवाएँ—पूरी क्षमता से चलती रहें। इसके लिए मेडिकल कॉलेजों, एनएचएम, सेवानिवृत्त विशेषज्ञ चिकित्सकों, दंत चिकित्सकों, आयुष चिकित्सकों तथा आयुष्मान-मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सकों सहित सभी उपलब्ध चिकित्सा कर्मियों की ड्यूटी रोस्टर के अनुसार तैनाती सुनिश्चित की जाएगी।
उपायुक्त अखिल पिलानी ने स्पष्ट किया कि मरीजों की किसी भी प्रकार से चिकित्सा सेवाओं में बाधा नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हड़ताल के दौरान भी जिले की स्वास्थ्य सेवाएँ बिना किसी रुकावट के चलाना प्रशासन की सर्वोच्च जिम्मेदारी है और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
जारी आदेशों के अनुसार, जिले के सभी सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, सीएचसी, पीएचसी और अन्य शासकीय स्वास्थ्य संस्थानों के 200 मीटर क्षेत्र में पाँच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लागू रहेगा। इस क्षेत्र में धरना, प्रदर्शन, रैली, टेंटेज, नारेबाजी, मार्च या किसी भी तरह की अवरोधक गतिविधि पूरी तरह वर्जित रहेगी। अस्पतालों में प्रवेश या आपातकालीन सेवाओं में रुकावट डालने का किसी भी प्रयास पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिला पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए गए हैं कि सभी प्रमुख सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर 24 घंटे पुलिस बल तैनात रहे। किसी भी प्रकार की अवैध भीड़, अस्थायी मंच, ढांचा, लाउडस्पीकर या प्रदर्शन संबंधी सामग्री को तुरंत हटाया जाएगा ताकि स्वास्थ्य सेवाएँ बाधित न हों। ऐसे किसी भी उल्लंघन पर BNSS की धारा 223 सहित अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उपायुक्त पिलानी ने बताया कि यह आदेश जनहित को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है और यह 15 दिनों तक प्रभावी रहेगा, जब तक इसे संशोधित या वापस नहीं लिया जाता। उन्होंने सभी नागरिकों, संगठनों और यूनियनों से अपील की कि वे परिस्थितियों की गंभीरता को समझते हुए प्रशासन के साथ सहयोग करें, ताकि स्वास्थ्य सेवाएँ सुचारु रूप से चलती रहें और मरीजों को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो।
