बाल अधिकारों की रक्षा व बच्चों की सुरक्षा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता – उपायुक्त अखिल पिलानी 

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– उपायुक्त ने चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी की कार्यप्रणाली की समीक्षा की
City24News/अनिल मोहनिया

नूंह | उपायुक्त अखिल पिलानी ने सोमवार को जिला सचिवालय स्थित सभागार में चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और समिति द्वारा बच्चों के हित में किए जा रहे कार्यों की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

 उपायुक्त ने कहा कि बाल अधिकारों की रक्षा व जरूरतमंद बच्चों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आश्रय गृहों, बाल गृहों एवं संबंधित संस्थाओं का नियमित निरीक्षण किया जाए और वहां पर बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा व स्वास्थ्य से जुड़ी सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। साथ ही, उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन-1098 से प्राप्त शिकायतों के त्वरित निपटान पर भी विशेष बल दिया। उपायुक्त ने यह भी कहा कि बाल संरक्षण तंत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लिए विभागों के बीच बेहतर समन्वय जरूरी है। उन्होंने जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारियों को मिलकर कार्य करने के निर्देश दिए, ताकि किसी भी बच्चे के शोषण या उत्पीड़न की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।

 समिति के चेयरमैन विनोद कुमार ने बताया कि जिला में सीडब्ल्यूसी के समक्ष बाल श्रम के 46 मामले, गुमशुदा के पांच, पोक्सो के पांच, अनाथ में दो, सिंगल पेरेंट्ïस के तीन तथा भीख मांगने संबंधी 5 बच्चों के मामले सामने आए, जिस पर समिति ने बच्चों को रेस्क्यू किया और उचित काउंसलिंग के साथ बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए कार्यवाही की। 

 बैठक में चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने जिले में बाल कल्याण से संबंधित विभिन्न मामलों की जानकारी दी। बताया गया कि बाल संरक्षण, देखभाल एवं पुनर्वास से जुड़े कई मामलों पर समिति द्वारा उचित निर्णय लिए गए हैं। बैठक में जिला बाल संरक्षण अधिकारी आबिद हुसैन व सदस्य राधेश्याम सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

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