बीके में कर्मचारियों की मनमानी से गर्भवती महिलाएं हुई परेशान
City24news/कविता गौड़
फरीदाबाद। जहां एक तरफ संस्थागत प्रसुति को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपये सरकार की तरफ से खर्च किए जा रहे है। जिसके तहत गर्भवती महिलाओं को घरों के निकट ही स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जाती है। लेकिन वहां उन्हें जांच की सभी सुविधाएं नहीं मिल पाती है, ऐसे में गर्भवती महिलाएं बीके सिविल अस्पताल का रूख करती है, तो यहां भी उन्हें धक्के ही खाने को मिल रहे है। यहां तैनात कुछ कर्मचारियों के कारण उन्हें परेशानियां झेलनी पड़ रही है। ऐसा ही सोमवार को बीके सिविल अस्पताल में देखने को मिला। जहां गर्भवती महिलाओं को जांच के लिए घंटों लम्बी लाइनों में लगने को मजबूर होना पड़ा। पहले उन्हें कार्ड की लम्बी लाइन में लगना पड़ता है, तो वहीं उसके बाद चिकित्सक से जांच को लम्बी लाइनें लगानी पड़ती है, इसके बाद उन्हें अब जांच के लिए भी लम्बी लाइनों में लगना पड़ता है, ऐसे में उन्हें घंटों खडेÞ रहने को मजबूर होना पड़ता है।
अलग है जांच सुविधा: बीके सिविल अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए जांच की सुविधा कमरा नम्बर दस में है, ताकि उन्हें अन्य मरीजों के संग न लगने को मजबूर होना पडेÞ। लेकिन बीके सिविल अस्पताल में सोमवार को जहां कमरा नम्बर दस में केवल जांच की पर्ची जांच कंटेनर पर लगाकर उन्हें कमरा नम्बर 13 में जांच के लिए भेजा जा रहा था, जिस कारण उन्हें लम्बी लाइनों में लगने को मजबूर होना पड़ा।
हमने की है सुविधा: कमरा नम्बर दस से कमरा नम्बर 13 में बने जांच केन्द्र में जब गर्भवती महिलाओं को भेजा जा रहा था, तो कर्मचारियों से बातचीत की गई, कि ऐसा क्यों किया जा रहा है, गर्भवती महिलाओं को परेशानियां हो रही है, तो उन्होंने कहा कि हमने अलग सिस्टम लागू किया है, कि अब यहां पर्ची लगाकर उन्हें जांच सैम्पल के लिए कमरा नम्बर 13 में भेजा जाए। यह सुविधा नई शुरू हुई है।
हो जाती है लड़ाई: गर्भवती महिला ओपीड़ी में अन्य रोगों से ग्रस्त महिलाओं की भी जांच की जाती है। ऐसे में यहां आए दिन ढ़ाई से तीन सौ महिलाएं आती है, जिसमें सौ से अधिक गर्भवती महिलाएं होती है। ऐसे में यहां भीड़ के कारण उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ता है और अब उन्हें जांच के लिए भी लम्बी लाइनों में लगना पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें परेशानियों का सामना करने को मजबूर होना पड़ता है।