असहाय लोगों के लिए वरदान सिद्ध हुई प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना

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City24news@अनिल मोहनियां

नूंह | उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत असहाय परिवारों की बीमारियों का मुफ्त ईलाज करवाया जाता है। इस योजना के तहत प्रति परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रुपए तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाता है। असहाय लोगों के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना वरदान सिद्ध हो रही है।

  उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि प्रदेश सरकार ने इस योजना का विस्तार करते हुए चिरायु योजना हरियाणा अपने राज्य के नागरिकों के स्वास्थ्य कल्याण हेतु शुरू की है। चिरायु योजना आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आती है। चिरायु योजना की सहायता से गरीब परिवार के लोग 5 लाख रुपये तक का फ्री इलाज करवा सकते हैं। चिरायु योजना के तहत कम से कम 1500 बीमारियों का इलाज मुफ्त किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2018 में असहाय परिवारों की बीमारियों का फ्री में ईलाज करने के लिए लागू की थी। कुछ परिवार गरीबी के कारण अपनी बीमारियों का ईलाज करवाने में असमर्थ थे तथा बीमारियों के ईलाज पर होने वाले महंगे खर्चों की वजह से ये परिवार गरीबी और कर्ज के दलदल में गहरे धंसते जा रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान योजना को शुरू करके उनको कर्ज के दलदल में धंसने से बचाया है।

 उपायुक्त ने बताया कि योजना के अंतर्गत विवाह अथवा जन्म के माध्यम से किसी नए सदस्य का आगमन होता है तो वह भी इस योजना का लाभार्थी है, जिसके लिए जन्म प्रमाण पत्र व विवाह प्रमाण-पत्र देकर योजना में शामिल हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह योजना पूर्णतः कैशलैस है, लाभार्थी व्यक्ति केवल अपना आयुष्मान भारत कार्ड दिखाकर ही पैनल पर लिए गए निजी अथवा सरकारी अस्पतालों में अपना मुफ्त में ईलाज करवा सकते हैं। आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने हेतू लाभार्थी किसी भी अटल सेवा केंद्र पर जाकर अपने परिवार पहचान पत्र या आधार कार्ड दिखाकर बनवा सकता है। इसके लिए पैनल पर लिए गए निजी अस्पतालों तथा सरकारी अस्पतालों में भी यह कार्ड मुफ्त में बनवा सकते हैं।

  उन्होंने बताया कि इस योजना की अनूठी विशेषता पोर्टेबिलिटी है यानि चाहे मरीज किसी भी राज्य का हो, वह किसी भी राज्य के पैनल पर लिए गए निजी अथवा सरकारी अस्पतालों में अपना मुफ्त ईलाज करवा सकते हैं। सरकार द्वारा न सिर्फ मुफ्त ईलाज की सुविधा दी जा रही है, अपितु ईलाज की गुणवत्ता पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है।

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