वैनों के माध्यम से संभावित मरीजों की घर-घर जाकर की जाएगी जांच
डिप्टी आरटीएस डॉ. नितीश अग्रवाल मोबाइल मेडिकल यूनिट वैन को हरी झंडी दिखाकर करते
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | जिला में आज से 100 दिन के निक्षय शिविर का शुभारंभ किया गया। यह शिविर टीबी उन्मूलन मिशन के तहत आयोजित किया गया है। सिविल सर्जन के निर्देशानुसार, डिप्टी आरटीएस डॉ. नितीश अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर इस अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर उप-सिविल सर्जन (टीबी) डॉ. परवीन राज तंवर भी उपस्थित रहे। उन्होंने सरकार की टीबी उन्मूलन के प्रति प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह शिविर जिले को टीबी मुक्त नंूह बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। शिविर के अंतर्गत, जिले की तीन मोबाइल मेडिकल यूनिट वैन 100 गांवों में जाकर टीबी की स्क्रीनिंग और एक्स-रे सेवाएं प्रदान करेंगी। इन वैनों के माध्यम से संभावित मरीजों की घर-घर जाकर जांच की जाएगी, जिससे प्रारंभिक चरण में टीबी के मामलों की पहचान कर उन्हें समय पर इलाज दिया जा सके। उप-सिविल सर्जन डा.परवीन राज तंवर ने बताया कि इस शिविर के दौरान टीबी के लक्षण, जांच, और इलाज के बारे में जागरूकता भी फैलाई जाएगी। उन्होंने कहा टीबी जैसे गंभीर रोग को जड़ से खत्म करने के लिए समुदाय की भागीदारी और जागरूकता बेहद जरूरी है। प्रारंभिक चरण में टीबी की पहचान और समय पर इलाज शुरू करना इसे पूरी तरह से ठीक करने में सहायक होता है।मोबाइल वैन की सेवाएं : जिले की तीन मोबाइल मेडिकल यूनिट वैन गांव-गांव जाकर स्क्रीनिंग करेंगी। संभावित मरीजों के एक्स-रे और बलगम जांच तुरंत की जाएगी। मरीजों को मुफ्त इलाज और परामर्श प्रदान किया जाएगा। जागरूकता अभियान : टीबी से बचाव और इलाज के तरीकों पर जागरूकता बढ़ाई जाएगी। निक्षय पोषण योजना और टीबी इलाज में मिलने वाली मुफ्त सेवाओं की जानकारी दी जाएगी।
टीबी मुक्त नूह का लक्ष्य : शिविर का उद्देश्य टीबी के रोगियों की पहचान कर उन्हें समय पर इलाज देना है। यह अभियान प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत 2025 के संकल्प को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस अवसर पर, स्वास्थ्य विभाग की टीम स्थानीय अधिकारी और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। उन्होंने समुदाय के सभी वर्गों से इस अभियान में सक्रिय सहयोग की अपील की।
डॉ. परवीन राज तंवर ने जिलावासियों से आग्रह किया कि यदि किसी को दो सप्ताह से अधिक खांसी, बुखार, वजन कम होना, या रात में पसीना आने जैसी समस्याएं हों, तो वे तुरंत जांच कराएं और मुफ्त उपचार का लाभ उठाएं। टीबी मुक्त नंूह का सपना साकार करने के लिए सभी वर्गों का सहयोग आवश्यक है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी व्यक्ति इस लड़ाई में पीछे न छूटे।