अस्पताल में लापरवाही से पुलिसकर्मी की बच्ची की मौत

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डिलीवरी के बाद बच्ची को आईसीयू में रखा था
City24news/कविता गौड़
फरीदाबाद। युपी पुलिस के एक पुलिसकर्मी को अपने जानकारों के द्वारा एनएच तीन स्थित एक निजी अस्पताल में अपनी गर्भवती पत्नी की डिलीवरी करवाना भारी पड़ गया। पहली डिलीवरी के बाद पैदा हुई बच्ची की अस्पताल प्रबंधन के द्वारा बरती गई लापरवाही से मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि डिलीवरी के बाद स्वस्थ बच्ची का जन्म हुआ था, लेकिन जबरन आईसीयू में रखने का सुझाव चिकित्सकों ने दिया, लेकिन आईसीयू में बच्ची पर कोई ध्यान न दिए जाने के कारण करीब 17 घंटे के दौरान ही बच्ची की मौत हो गई। इस मामले में पहले तो पुलिस मामला दर्ज करने के बजाय परिजनों को टालती रही। लेकिन जब बच्ची के पिता ने कहा कि वह इस मामले को दर्ज करवाना चाहाते है, कितना भी समय क्यों न लगे वह भी पुलिस में है, तब कही जाकर पुलिस चौकी इंचार्ज ने उनकी शिकायत दर्ज की।

यह है पूरा मामला: यूपी के गाजीपुर में तैनात पुलिसकर्मी आकाश के ससुराल वालों ने उनकी पत्नी शिवानी को प्रसव पीडा होने पर तीन नम्बर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था। जहां शनिवार की दोपहर को शिवानी की डिलीवरी आॅपरेशन के माध्यम से करवा दी। शिवानी ने आॅपरेशन के बाद एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। बच्ची का वजन लगभग 3.30 किलो था। वह सही से हाथ पांव चला रही थी, देखने में बिल्कुल स्वस्थ लग रही थी। शिवानी मां रीता देवी ने बताया कि डिलीवरी होने के बाद उन्होंने आॅपरेशन के 40 हजार रुपए जमा कराए, लेकिन डॉक्टर ने आॅपरेशन होने की बात कह कर उन्हें कहा कि एक-दो दिन अभी बच्ची को आईसीयू में रखना पड़ेगा। इसके बाद उसे छुट्टी दे दी जाएगी। इस दौरान शिवानी के पिता राजेश कुमार से पांच हजार रुपये अलग से ले लिए। शिवानर की मां रीता देवी कई बार कई बार बच्ची को देखने के लिए गई, तो अस्पताल के स्टाफ ने उन्हें बच्ची को देखने नहीं दिया। बच्ची रो रही थी, उन्होंने कहा कि बच्ची भूखी हो सकती है, उसे दूध पिलाया जाए, लेकिन अस्पताल के स्टाफ ने यह कहकर उन्हें डांट दिया कि ये उनकी जिम्मेदारी है। सुबह उन्हें छह बजे बच्ची की मौत की सूचना दे दी गई, जिस पर उन्होंने 112 नम्बर से पुलिस को बुलवा लिया। पुलिस ने पहले तो परिजनों को कहा कि केस करने में दो तीन साल तक का समय नष्ट होगा, इस पर बच्ची के पिता ने उन्हें बताया कि वह स्वयं पुलिसकर्मी है और लापरवाही बरतने वालों पर सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही चाहाते है, तब जाकर पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज करवाई और पोस्टमार्टम के लिए कहा।

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