साईबर क्राईम के प्रति छात्राओं को पुलिस ने किया जागरूक

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City24news@सुनील दीक्षित
कनीना | राजकीय महिला महाविद्वालय उन्हाणी में सोमवार को आयोजित जागरूक्ता शिविर में शहर कनीना की पुलिस टीम छात्राओं को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक किया।
साइबर फ्रॉड होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 डायल करने तथा सावधानी बरतने को कहा। कनीना थाना प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार ने छात्राओं को साइबर क्राइम के प्रति बताया कि मोबाइल पर बगैर पुष्टि किए किसी को भी अपना महत्वपूर्ण डाटा शेयर न करें। युवाओं को साइबर अपराध से बचने के लिए अनेक उदाहरण देकर विस्तारपूर्वक समझाया। टीम ने बताया कि हम किस प्रकार मोबाइल फोन, उसकी वीडियो कॉल आदि के द्वारा होने वाले अपराधों से किस प्रकार बच सकते हैं। साइबर हेल्प लाइन नंबर 1930 एवं साइबर क्राइम पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हें। छात्राओं से कहा कि मोबाईल का सारा डेटा इंटरनेट पर स्टोरेज रहता है। हैकर्स इसी डाटा को प्राप्त कर लिंक के माध्यम से लोक लुभावनी लाटरी, गिफ्ट, ऑनलाइन छूट का लालच देकर लिंक पर क्लिक कराकर पूरी डिटेल प्राप्त कर फ्रॉड करते हैं। उन्होंने साइबर स्टॉकिंग, फेक अकाउंटस, सेक्सटोर्शन, हनी ट्रैप आदि साइबर क्राइम की जानकारी देकर उनसे बचाव कर अपने आप को सुरक्षित रखने के उपाय बताए। उन्होंने बताया कि हैकर्स जानी मानी कंपनियों की सोशल एकाउंट से मिलती जुलती एकाउंट बनाते हैं और लोग जल्दबाजी में उस पर ध्यान न देते हुए आई हुई लिंक पर क्लिक कर देते हैं। जिसके बाद उनके फोन में मौजूद पूरा डेटा उन तक पहुंच जाता है और वह लोग साइबर ठगी व धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग के शिकार हो जाते हैं। टीम ने इससे बचाव के लिए अपने ई-मेल आइडी पासवर्ड व सोशल एकाउंट पासवर्ड पर टू-स्टेप सिक्योरिटी लगाने की बात कही। इसी के साथ ही उनसे पासवर्ड के रूप में जन्मतिथि व फोन नंबर आदि ना डालने की बात कही।
पुलिस टीम ने कॉलेज छात्राओं को महिला सुरक्षा व उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया। कॉलेज छात्राओं को जागरूक करते हुए बताया कि हमारे संविधान में महिलाओं के पास उत्पीड़न, दहेज, तलाक, घरेलू हिंसा, दुष्कर्म, छेड़छाड़ और अन्य हिंसा से सुरक्षा से पाने के लिए कानूनी अधिकार हैं। पुलिस ने छात्राओं को महिलाओं से जुड़े कानूनों, कानूनी संरक्षण और अधिकारों से अवगत कराते हुए जागरूक किया। टीम ने कहा कि किसी भी प्रकार की घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ना, छात्राओं पर बातचीत करने के लिए दबाव डालना, छेड़छाड़ जैसी किसी भी घटना के होने पर तत्काल पुलिस, परिजनों व शिक्षकों को सूचित करना चाहिए।

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