नूंह में मुआवजे को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों को पुलिस ने लिया हिरासत में

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मेवात में पहली बार सैकड़ों महिलाओं ने दी गिरफ्तारी, बसों में बैठाकर ले गई पुलिस।
रोजका मेव थाने में किसानों पर सरकारी कार्य में बाधा डालने का हुआ मुकदमा दर्ज।
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | मंगलवार को नूंह जिले के धीरधूका गांव में एक साल से अपनी ज़मीन के मुआवजे को लेकर धरने पर बैठे किसानों को पुलिस ने बसों में बैठाकर गिरफ्तार कर लिया। इतना ही नहीं इस दौरान एक हरियाणा रोड़वेज की बस में महिलाओं को भी बैठाकर हिरासत में लिया गया। मंगलवार को मेवात में ऐसा पहली बार देखने को मिला जब सैंकड़ों महिलाओं को पुलिस द्वारा बसों में बैठाकर एक साथ हिरासत में लिया गया। वहीं सोमवार को किसानों द्वारा एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों के साथ भारी पुलिसबल जब कार्य शुरू कराने के लिए जेसीबी लेकर धरना प्रदर्शन पर पहुंचा तो किसानों द्वारा कार्य को रुकवा दिया गया, जिसके बाद रोजकामेव पुलिस ने सरकारी कार्य में बाधा डालने का किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। वहीं मंगलवार को भारी तादाद में किसानों की हुई गिरफ्तारियों से मेवात के किसानों में हलचल मच गई। जब एचएसआईआईडीसी के कर्मचारी भारी पुलिस बल के साथ चार जेसीबी को लेकर नालियों और रास्तों के कार्य करने को लेकर मौके पर पहुंचे तो, उस समय हजारों किसान महिलाओं और बच्चों के साथ कार्य स्थल पर पहुंचे , जहां पुलिस और किसानों का आमना सामना हो गया। इस दौरान किसानों ने कार्य को रूकवाते हुए कहा कि जब तक उनकी दो मांगे पूरी नहीं होगी, तब तक वह काम नहीं होने देंगे। इस दौरान महिलाओं ने मोर्चा संभालते जेसीबी के सामने खड़ी हो गई और छोटे-छोटे बच्चे आराम से धरना प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी करते हुए जमीन पर बैठकर और सरकार विरोधी नारे लगाते हुए अपनी जमीन के बचे मुआवजे की मांग करते रहे। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि हमारी जमीन को सरकार ने ओने पोने दामों में खरीद कर हमें सड़क पर ला दिया है। इतना ही नहीं सरकार द्वारा उनका बचा हुआ मुआवजा भी अभी तक नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी दो मुख्य मांगे हैं। एक तो यह है कि सरकार उनके बचे हुए मुआवजे को दे और दूसरी उनसे अंग्रेजी में लिया गया एग्रीमेंट निरस्त किया जाए।
किसानों ने बताया कि लगभग 15 साल पहले सरकार ने किसानों की रोजका मेव आईएमटी के लिए 1600 एकड़ जमीन भूमि अधिग्रहण की थी। इस जमीन का 45 लाख रुपए तक मुआवजा देने की बात कही गई थी। लेकिन किसानों को 20 लाख रुपए तो दे दिए गए लेकिन उनके 25 लाख रुपए अभी तक नहीं दिए गए हैं। जिसको लेकर किसान पिछले एक साल से धरना प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं। किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी जब तक वह काम शुरू नहीं होने देंगे।
अभी भी कुछ भी कहने से बचते रहे अधिकारी
इस दौरान मौके पर पहुंचे अधिकारी कुछ भी कहने से बचते हुए नजर आए। जब पत्रकारों ने उनसे बात करने की कोशिश की तो अधिकारियों ने कहा कि अभी ऊपर से उनके लिए कोई आदेश नहीं आए हैं। जब कोई आदेश आएंगे तो वह जरूर जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि वह उच्च अधिकारियों के आदेश पर कार्य शुरू करने के लिए भारी पुलिस बल के साथ आए थे ,लेकिन किसानों ने अभी मौके पर पहुंच कर काम रुकवा दिया है और किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।