शहीद हसन ख़ान मेवाती से प्रेरित होते रहेंगे लोग: आफताब अहमद 

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-राजा हसन ख़ा त्याग, बलिदान और देशभक्ति की ऐतिहासिक मिशाल: आफताब 
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | शनिवार को मेवात इलाके के शहीद राजा हसन ख़ा मेवाती के शहादत दिवस पर नूंह विधायक चौधरी आफताब अहमद ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं संग शहीद हसन खान मेडिकल कॉलेज नल्लहड पहुंचकर खिराज ए अकीदत पेश की। इस दौरान नूंह कांग्रेस के संयोजक महताब अहमद व मेडिकल कॉलेज निदेशक डॉक्टर मुकेश कुमार विशेष रूप से मौजूद रहे। 

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि शहीद हसन ख़ान मेवाती देशभक्ति व भारतीय ऐकता और अखण्डता की ऐतिहासिक मिशाल हैं। उनका सर्वोच्च बलिदान देश के युवाओं को प्रेरणा देता रहेगा। हसन खान मेवाती ने दो महत्वपूर्ण लड़ाइयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिनमें पानीपत की लड़ाई और खानवा की लड़ाई मुख्य रूप से शामिल हैं।

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि हसन खान मेवाती ने 1526 में हुई पानीपत की पहली लड़ाई में दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी का साथ दिया था। यह लड़ाई बाबर के नेतृत्व वाले मुगल साम्राज्य और इब्राहिम लोदी के नेतृत्व वाली दिल्ली सल्तनत के बीच एक महत्वपूर्ण संघर्ष था। इस लड़ाई में बाबर विजयी हुआ और लोदी की जान चली गई। संघर्ष के दौरान बाबर ने हसन खान मेवाती के बेटे को बंधक बना लिया। हार के बावजूद हसन खान मेवाती ने विदेशी आक्रमणकारी के आगे घुटने नहीं टेके। 

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि पानीपत की लड़ाई के बाद हसन खान मेवाती ने बाबर और मुगल साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई जारी रखने के लिए राणा सांगा के साथ गठबंधन किया। खानवा का युद्ध 15 मार्च 1527 को मेवाड़ के राणा सांगा और बाबर के बीच हुआ था। इस समय हसन खान मेवाती की देशभक्ति और बहादुरी ने उन्हें एक भयंकर योद्धा के रूप में ख्याति दिलाई। हसन खान मेवाती ने एक बार फिर इस युद्ध में राणा सांगा का साथ दिया। जब राणा सांगा को तीर लगा और वे अपने हाथी से गिर पड़े, तो मेवाती राजा ने सेनापति का झंडा थाम लिया और बाबर की सेना के खिलाफ हमले का नेतृत्व किया। 

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि हसन खान मेवाती ने जबरदस्त वीरता का प्रदर्शन किया और अपने 12 हजार घुड़सवार सैनिकों के साथ बाबर की सेना का जमकर सामना किया। वे शुरू में सफल रहे और मुगल सेना पर भारी पड़े। दुर्भाग्य से, युद्ध के दौरान हसन खान मेवाती को तोप का गोला लगा जो उनकी छाती में लगा। उनकी बहादुरी और लचीलेपन के बावजूद, यह चोट घातक साबित हुई और हसन खान मेवाती ने युद्ध के बीच में ही अपनी जान गंवा दी।

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार अगर सही मायनों में शहीद हसन खान मेवाती का सम्मान करती है तो उनके नाम से बने मेडिकल कॉलेज नल्लहड की मौजूदा स्थिति को सुधारे। विधायक आफताब अहमद ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने शहीद हसन खान मेवाती के नाम से नूंह में मेडिकल कॉलेज बनवाकर, नूंह चौक का नामकरण उनके नाम पर करकर और उनके सम्मान में नूंह में डाक टिकट जारी कर सम्मान दिया था लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार के राज में मेडिकल कॉलेज की देखरेख सही नहीं हो पा रही है। 

एक सवाल के जवाब में विधायक आफताब अहमद ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 550 करोड रुपए की लागत से जो मेडिकल कॉलेज बनाया था उसका विस्तार होना था जिनमें 100 बेड का डेंटल कॉलेज, मां व नवजात शिशु केयर सेंटर, ह्रदय देखरेख केंद्र आदि बनना था लेकिन विस्तार तो दूर इसे रेफरल अस्पताल में तब्दील कर दिया। विधायक आफताब अहमद ने मांग करते हुए कहा कि इसमें सभी विभागों को विकसित किया जाए, ट्रामा सेंटर स्थापित किया जाए और मंज़ूरशुदा सेवाओं को विस्तार कर सुदृढ व सुचारु सुविधा प्रदान की जाए।

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