श्रीमद्भागवत कथा में लोगों ने श्रवण किया गोवर्धन प्रसंग

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फरीदाबाद। फरीदाबाद के सैक्टर-19 में प्राचीन श्री शीतला माता मन्दिर के तत्वाधान मे चल रही सप्तदिवसीय नवम् श्रीमद्भागवत कथा में गोवर्धन प्रसंग में कथा वाचक श्री विष्णु कौशिक जी महाराज वृन्दावन धाम ने बताया कि भगवान इन्द्र जब प्रकोप में थे तब उन्होंने वर्षा करके कहर बरपाया। चारों ओर हाहाकार मच गई। गांव जलमग्न होने लगे तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उंगली पर उठा लिया। इससे गांव के सभी लोग गोवर्धन पर्वत के नीचे आ गए और वहां शरण ली। भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र का मान नष्ट करके गिर्राज पूजा कराई थी। तब सभी बृजवासियों ने गोवर्धन पहुंचकर गोवर्धन पर्वत का पूजन किया और 56 भोग लगाया। उन्होंने कहा कि आज भी वृदांवन में बांके बिहारी को दिन में आठ बार भोग लगाया जाता है। पूरे सात दिन भगवान श्रीकृष्ण ने भूखे प्यासे गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा था। उन्होंने कहा कि मन से नमन और मन से मनन करेंगे तो जिंदगी की सारी समस्याओं का हनन हो जाएगा।  गिरिराज जी की कथा श्रवण कराते हुए छप्पन भोग लगाया गया। श्रद्धालुओं ने अपने अपने घरों से 56 प्रकार के भोजन बनाकर भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाए। गोवर्धन महात्म वाले दिन कथा पांडाल में आयोजन देखने लायक था। भगवान की छप्पन भोग तथा गोवर्धन भगवान की छटा अति मनोहर थी। कथा में पूतना उद्धार एवं बकासुर वध का वृतांत सुनाते हुए उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की जन्म व बाल लीलाओं का मार्मिक वर्णन किया। कथा के आयोजक मुकेश बंसल ने बताया कि कथा के आज के विश्राम के बाद रविवार को कथा की पूर्णाहुति एवं भण्डारे का आयोजन किया जाएगा ।

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