पतंजलि उत्पाद स्वदेशी का बड़ा विकल्प: योगाचार्य जयपाल शास्त्री

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समाचार गेट/संजय शर्मा
फरीदाबाद
। पतंजलि योगीठ हरिद्वार के तत्वाधान में फरीदाबाद के सेक्टर-55 स्थित हनुमान पार्क में आयोजित योग सत्र के दौरान योगाचार्य जयपाल शास्त्री जी ने योग साधकों को स्वदेशी भाव के महत्व और उसके व्यावहारिक लाभों पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया, उन्होंने बताया कि आज के समय में स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ाना देश की आत्मनिर्भरता और स्वास्थ्य दोनों के लिए अत्यंत आवश्यक है । योगाचार्य शास्त्री जी ने कहा कि “स्वदेशी अपनाना केवल आर्थिक निर्णय नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, संस्कृति और राष्ट्रहित से जुड़ा एक बड़ा संकल्प है।” वर्तमान समय में बाज़ार में कई विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन देश में स्वदेशी को बढ़ावा देने की दिशा में पतंजलि के उत्पाद एक बड़ा, विश्वसनीय और जनसुलभ विकल्प बनकर सामने आए हैं । प्राकृतिक, आयुर्वेदिक और भारतीय जीवनशैली आधारित वस्तुओं के प्रति लोगों में बढ़ती रुचि के चलते पतंजलि ने स्वदेशी आंदोलन को नई गति प्रदान की है। “पतंजलि ने आम नागरिक को यह भरोसा दिया है कि भारतीय उत्पाद गुणवत्तापूर्ण, सस्ते और स्वास्थ्य के अनुकूल हो सकते हैं । यही स्वदेशी का सबसे मजबूत आधार है।”
योगाचार्य जयपाल शास्त्री ने लाभ बताते हुए कहा कि –

  • आर्थिक आत्मनिर्भरता: स्थानीय उद्योग, किसानों, कारीगरों और छोटे उद्यमों को बढ़ावा मिलता है, जिससे देश की आर्थिकी मजबूत होती है।
  • सांस्कृतिक जुड़ाव: स्वदेशी के माध्यम से भारतीय परंपरा, आयुर्वेद व योग की विरासत को सशक्त समर्थन मिलता है।
  • पर्यावरण संरक्षण: स्थानीय वस्तुएँ कम प्रदूषण व कम संसाधन-व्यय के साथ तैयार होती हैं।
    योग साधकों ने किया स्वदेशी अपनाने का संकल्प – शिविर में उपस्थित साधकों ने स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता देने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का संकल्प लिया । हनुमान पार्क में प्रतिदिन आयोजित होने वाले इन योग कार्यक्रमों में लोगों की बढ़ती भागीदारी क्षेत्र में स्वास्थ्य-जागरूकता और स्वदेशी भावना को और गति दे रही है | योग प्रशिक्षण में योग शिक्षक रिंकू जी व अनिल कपूर जी ने सहयोग कर रहे हैं | शिविर की व्यवस्थाओं में सरदार गुरमीत जी, संजय खट्टर जी, राजेन्द्र सिंह जी, रामचन्द्र आर्य जी, तेजपाल लोहिया जी, कपिल विवान जी, राकेश गोयल जी, मोतीलाल चौधरी जी, बबलू जी, रामछैल जी, नरायण सिंह जी पूनम जी, अनीता सिंह जी आदि महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं | योग शिविर का समापन 30 नवंबर को होगा |

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