प्राकृतिक खेती पर जिला स्तरीय किसान कार्यशाला का आयोजन
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कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को दी योजनाओं की जानकारी
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह । कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के तत्वावधान में बुधवार को प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के संबंध में जिला स्तरीय किसान कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के विभिन्न गांवों से लगभग 500 किसानों ने भाग लिया। कृषि उप निदेशक डा. विरेंद्र देव आर्य ने बताया कि इस कार्यशाला के माध्यम से किसानों को कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के विषय में विस्तृत जानकारी के साथ आज के परिवेश में प्राकृतिक खेती की महत्वता पर प्रकाश डाला। इस कार्यशाला में अधिकारियों ने प्राकृतिक खेती के अंतर्गत किसानों के पंजीकरण से लेकर खेत में बिना खाद व दवाइयों के खेती करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अच्छी खेती के लिए मिट्टी की गुणवत्ता को बचाए रखना जरूरी है, क्योंकि यह रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक मुक्त खेती है। इस खेती में पशुधन और स्थानीय संसाधनों पर आधारित कृषि की जाती है। इस पद्धति में देसी गाय व गौ-मूत्र के सहयोग से प्रकृति में मौजूद अवयवों जैसे रसायन मुक्त मिट्टी, बेसन, गुड़ आदि का प्रयोग करते हुए सूक्ष्म जीवों का संवर्धन करने के लिए जीवामृत, घनजीवामृत, बीजामृत, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्नेयास्त्र, दषपर्णीय अर्क जैसे उत्पाद तैयार कर खेती में प्रयोग किया जाता है। प्राकृतिक खेती में मिट्टी के सूक्ष्म जीवों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता और उत्पादन लागत भी न्यूनतम होती है। प्राकृतिक खेती गौ आधारित खेती है, इसलिए सरकार द्वारा 2 एकड़ से अधिक प्राकृतिक खेती करने वाले किसान को एक देसी गाय की खरीद पर 25000 रुपये पशुपालन विभाग के सत्यापन के आधार पर विभाग द्वारा अनुदान के रूप में सीधे किसान के खाते में डीबीटी के माध्यम से डाले जाते हैं। जीवामृत, बीजामृत, नीमास्त्र जैसे घोल बनाने के लिए प्रति ड्रम 750 रुपये के हिसाब से 4 ड्रम के लिए 3000 रुपये की राशि अनुदान के रूप में डीबीटी द्वारा सीधे किसान के खाते में दी जाती है। प्राकृतिक खेती के अंतर्गत कार्यरत किसानों को प्रदर्शनी प्लाट लगाने के लिए प्रति एकड़ के हिसाब से 4000 रुपये का अनुदान सीधे किसान के खाते में भेजा जाता है।
इस कार्यशाला में उप मंडल कृषि अधिकारी डा अजीत सिंह व सतबीर सिंह, सहायक कृषि अभियंता विजय यादव, अटल भूजल से मनोहर लाल, सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी नूंह एपी रेड्डी, कृषि विज्ञान केन्द्र मिंडकोला से डा. विनोद कुमार, तकनीकी सहायक मुनीष कुमार मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन गुण नियन्त्रण निरीक्षक अजय कुमार ने किया। इस कार्यशाला में प्रगतिशील किसान मोहम्मद आतीश, पुन्हाना, गौरव कुमार, रावली, हकमूद्दीन, बसई, कल्लू खान सालाहेडी, किषन चन्द, संगेल, दिगम्बर, दुबालू, आनन्द, हसनपुर तावडू व मुमताज, बेरी निफसी को उप कृषि निदेषक, नूंह द्वारा प्राकृतिक खेती को अपनाने व जिले में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया।